गुरदासपुर। पंजाब में ड्रग तस्करी और आतंकवाद को रोकने के लिए पंजाब से लगती भारत-पाक सीमा पर लेजर बीम सिस्टम लगाने के बाद भी पंजाब इन तस्करों से सुरक्षित नजर नहीं आ रहा है। भारत की खुफिया एजेंसी ने एक रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि सीमा पर लेजर बीम सिस्टम लगने के बाद अब ड्रग तस्कर राज्य में हथियार और नशे की खेप भेजने के लिए ड्रोन और पैराग्लाइजर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। रिपोर्ट में पंजाब में दोबारा आतंकवादी घटनाओं के बढ़ने की भी आशंका जताई गई है। बता दें कि इस एजेसीं में भारतीय सेना, बीएसएफ और पंजाब पुलिस के अधिकारी शामिल है।
वहीं अगर रिपोर्ट को एक तरफ रख दे तो राज्य में ये अक्सर देखा जाता है कि कैसे कई गैप्स का आतंकी और तस्कर घुसपैठ के लिए इस्तेमाल करते हैं। हालांकि सुरक्षा एजेसिों का दावा है कि सीमा पर ऐसे कोई गैप्स मौजूद नहीं हैं और जिन जगहों से कंटीली तार टूट गई थी उसे रिपेयर कर दिया गया है इसी के साथ सुरक्षा से जुड़े कई और इंतजाम भी किए गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब से लगती भारत-पाक सीमा पर स्थित गुरदासपुर और पठानकोट जिले में तो पाकिस्तान के इन तस्करों और आतंकवादियों को ग्लाइडर के इस्तेमाल करने जरूरत ही नहीं, क्योंकि सीमा कई जगह से खुली पड़ी है। वहीं पाकिस्तान के साथ लगती जम्मू-कश्मीर की सीमा पर बर्फ पड़ जाने से पाकिस्तान के आतंकवादियों ने भारत में प्रवेश करना बंद कर दिया है। इसी के चलते पाकिस्तान के आतंकवादियों ने पंजाब के आतंकवादियों के साथ साठ-गाठ कर ली है, जिसके चलते पंजाब में आतंकवादी घटनाएं दोबारा हो सकती है।
आशंका जताई जा रही है कि आने वाले 6 महीनों में पंजाब में आतंकी गतिविधियां पुनर्जीवित हो सकती हैं। इस बात का अंदाजा पंजाब में हिन्दू नेताओं की हो रही हत्याओं से भी लगाया जा सकता है।इससे भी पहले जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला हो चुका है। वहीं इन हत्याओं को लेकर बीते दिनों कुछ गैंगस्टरों के साथ-साथ इन हत्याओं के लिए फंडडिंग करने वाले यू.के. नागरिक जगतार सिंह जौहल और इंगलैंड से डिपोर्ट किए गए तलजीत सिंह उर्फ जिम्मी सिंह की गिरफ्तारी भी हुई है। वहीं इन हत्याओं में हथियार मुहैया करवाने को लेकर आतंकी हरमिंदर सिंह मिंटू से भी पूछताछ हो रही है।