नई दिल्ली। अपने 67वें जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े गुजरात स्थित सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया है। सरदार सरोवर नर्मदा योजना की नींव 1961 में पू्र्व पीएम जवाबरलाल नेहरू द्वारा 4 अप्रैल को रखी गई थी। यह भारत की सबसे बड़ी योजना है। नर्मदा नदी पर 30 बांध हैं जिनमें से यह सबसे बड़ा बांध है।
क्या हैं बांध की खूबिया
इस परियोजना का उद्देश्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाकों में पानी पहुंचाना तथा मध्यप्रदेश के लिए बिजली पैदा करना है। सरदार सरोवर बांध अमेरिका के ग्रांड कोली डैम के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। दावा है कि इस बांध के जरिए 900 गांवों को पानी पहुंचाया जाएगा। अक्टूबर साल 2000 में सुप्रीम कोर्ट ने बांध के पुनर्ग्रहण की अनुमति दी थी। पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू ने 1961 में इसकी नींव रखी थी। बांध से 6 हजार मेगावाट बिजली पैदा की जा सकेगी जोकि गुजरात, महाराष्ट और मध्यप्रदेश में दी जाएगी। बांध की ऊंचाई को 138.68 मीटर तक बढ़ाया गया है। बांध से 4.73 मिलियन क्यूबिक पानी संयच करने की क्षमता रखता है। बांध के 30 दरवाजें हैं हर दरवाजा 450 टन भारी है हर दरवाजे को बंद करने में 1 घंटे का वक्त लगतार है।
यूं तो नरेंद्र मोदी को किसी पहचान की जरूरत नहीं इनके बुलंद हौसलों के कारण आज घर-घर में इनकी एक अलग पहचान हैं। मोदी का जादू इस कदर लोगों पर छाया है कि हर कोई पीएम मोदी का दिवाना हैं। लेकिन आज हम पीएम मोदी के बचपन से लेकर अब तक की कहानी के बारे में बात करने वाले हैं।