नई दिल्ली। चार दिन तक चलने वाला छठ उत्सव जोरों शोरों के साथ मनाया जा रहा है। ये व्रत ज्यादातर महिलाएं करती हैं लेकिन कुछ स्थानों पर पुरूष भी ये व्रत रखते हैं। बिहार सहित देश के अन्य राज्यों में भी घाटों पर अलग ही नजारा दिख रहा है। लोग अपने साथियों, परिवार के साथ छठ मनाते व पूजन करते दिखाई दे रहे हैं।
व्रत का स्वरूप :-
छठ व्रत के दौरान छठव्रती कठिन तपस्या करती है। चार दिनों तक उपवास रखने के साथ-साथ वह सारे सुखों व आराम का त्याग कर देती है। छठव्रती के लिए बनाए गए कमरे में वो फर्श पर बिना किसी आसन या बैड के सोती है। व्रती पर्व के दौरान साफ- सफाई का विशेष ध्यान रखती है।
लोहंडा और खरना :-
आज (कार्तीक शुक्ल पंचमी) को इस पर्व का दूसरा दिन लोहंडा और खरना का दिन है। इस दिन व्रत करने वाली स्त्री दिनभर व्रत करने के बाद शाम को खाना खाती है। इसे ‘खरना’ कहा जाता है। प्रसाद में गन्ने के रस में बने हुए चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई जाती है। जिसमें नमक या चीनी का उपयोग करना वर्जित होता है।