बिहार

सारण मिड-डे मील मामला: प्रिसिंपल को 17 साल की सजा

school childrens सारण मिड-डे मील मामला: प्रिसिंपल को 17 साल की सजा

छपरा। बिहार के सारण जिले की एक अदालत ने सोमवार को धर्मसती गंडामन स्कूल की तत्कालीन प्रधानाध्यापिका मीना देवी को 17 साल कैद की सजा सुनाई है। तीन साल पहले इस स्कूल के 23 बच्चों की मौत विषाक्त मध्याह्न् भोजन खाने से हुई थी। अदालत ने मीना देवी को गैर इरादतन हत्या (धारा 304) के तहत 10 साल और धारा 308 के तहत सात साल कैद की सजा सुनाई है।

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छपरा व्यवहार न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय आनंद तिवारी ने मीना देवी को भारतीय दंड विधान की धारा 304 और 308 के तहत कुल 17 साल की सजा सुनाई है। इस मामले में अदालत ने बुधवार को मीना देवी को दोषी करार दिया था और उनके पति अर्जुन राय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। सजा के लिए अदालत ने सोमवार को तारीख मुकर्रर की थी।

लोक अभियोजक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में अदालत ने सोमवार को दोनों धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई है। अदालत ने भाग एक में धारा 304 के तहत 10 वर्ष की सजा व ढाई लाख रुपये का जुर्माना तथा धारा 308 के तहत दूसरे भाग में सात साल की सजा तथा 1़25 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि दोषी को दोनों सजा अलग-अलग भुगतनी होगी।

इधर, मीना देवी के अधिवक्ता भोला राय ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत जाएंगे। उल्लेखनीय है कि 16 जुलाई, 2013 को सारण जिले के मशरक प्रखंड के धर्मसती गंडामन स्कूल में मध्याह्न् भोजन खाने के बाद 23 बच्चों की मौत हो गई थी। एक रसोइया व अन्य 24 बच्चों का एक माह तक पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में उपचार चला था।

जांच में पाया गया था कि रसोइये ने सब्जी बनाने के लिए जब तेल मांगा तो मीना देवी ने जो डब्बा उसे दिया था, वह कीटनाशक दवा का डब्बा था। भोजन बनाने वाली महिला ने मीना से कहा था कि तेल से बदबू आ रहा है, लेकिन मीना ने कहा था, “तेल ठीक है, सब्जी में डाल दो।” वह भोजन मीना ने नहीं चखा था। रसोइये सहित सभी बच्चों ने खाया, लेकिन कुछ ही देर बाद उनके पेट में दर्द होने लगा और उल्टियां होने लगीं। सभी को अस्पताल ले जाया गया, जहां 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया।

एक मृत बच्चे आशीष के पिता अखिलानंद मिश्र के बयान पर धर्मसती गंडामन स्कूल की तत्कालीन प्रधानाध्यापिका मीना देवी और उनके पति अर्जुन राय के खिलाफ मशरक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इस मामले में 30 जुलाई को सरकार ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था। घटना के सात दिन बाद एसआईटी ने मीना देवी को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि उसके पति अर्जुन राय ने अदालत में आत्मसमर्पण किया था।

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