नई दिल्ली। रूस भारत को पांचवा पीढ़ी का मिग-35 लड़ाकू विमान बेचना चहाता है। अगर भारत ने इस पर अपनी रूचि दिखाई तो सैदा पक्का हो सकता है और भारत रूस से विमान खरीद सकता है। इस बात की पुष्टी यह बात मिग कॉर्पोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) इल्या तारासेंको ने कही है। इसी साल जनवरी में लांच हुआ यह अत्याधुनिक विमान अमेरिकी विमान एफ-35 से कई मायनों में बेहतर माना जा रहा है। इसके सिस्टम कुछ वैसे ही हैं जैसे कि मिग-29 के हैं जिनका इस्तेमाल भारतीय वायुसेना कर रही है।
बता दें कि रूस के झुकोवस्की शहर में चल रहे माक्स 2017 एयर शो के दौरान बातचीत में सीईओ तारासेंको ने कहा, उनकी कंपनी भारतीय वायुसेना की जरूरतों के मुताबिक उसके खरीद आदेश को प्राप्त करने की पूरी कोशिश कर रही है। दोनों पक्ष अभी तकनीक मामलों पर बातचीत की प्रक्रिया में हैं।
वहीं मिग कंपनी प्रमुख ने कहा कि भारत उनके विमानों का पिछले 50 साल से इस्तेमाल कर रहा है। उनकी इच्छा है कि वह कंपनी का अत्याधुनिक उत्पाद भी खरीदे और उसका इस्तेमाल करे। विमान के मूल्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, बिक्री के बाद सेवा देने के पक्ष को शामिल कर लिया जाए तो यह सस्ता पड़ेगा। हम बिक्री के साथ ही इसकी 40 साल तक सर्विस का समझौता भी कर रहे हैं। इस लिहाज से यह दुनिया के समकक्ष विमानों की तुलना में 20 से 25 प्रतिशत सस्ता पड़ रहा है। सीईओ के अनुसार मिग-35 रडार की पकड़ में न आने वाला स्टील्थ विमान है। इसकी खासियतें इसे पांचवीं पीढ़ी के नजदीक ले जाती हैं। इसमें तीन तरह के मिसाइल सिस्टम लगे हैं। जो हवा, जमीन और पानी में मार कर सकते हैं। इसका डिफेंस सिस्टम भी काफी मजबूत है।