नई दिल्ली। सरकार के नोट बैन के फैसले के बाद से लगातार शेयर बाजार में हलचल जारी है। वहीं गुरुवार को रुपए में डॉलर के मुकाबले 17 पैसे की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के साथ ही रुपया 68.73 स्तर तक पहुंच गया। ऐसा कहा जा रहा है कि रुपए का ये स्तर 28 अगस्त के बाद से अब तक का सबसे निचला स्तर है। जानकारों का कहना है कि भारतीय मुद्रा में आई गिरावट की मुख्य वजह डॉलर इंडेक्स में आई तेजी है।
भारत में करंसी बैन और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के चलते रुपया 2. 5 फीसदी तक टूट चुका है। मिली जानकारी के अनुसार भारतीय बाजारों से विदेशी निवेशक अब तक 22,000 करोड़ रुपए की राशि निकाल चुके है क्योंकि ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अमेरिका में ब्याज दर बढ़ सकती है। ऐसे में लोगों के धन की निकासी बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि अगर डॉलर में ऐसा ही उछाल बरकरार रहा तो भारतीय मुद्रा 70 का निचला स्तर छू सकती है यानि कि डॉलर के मजबूत होने का सीधा असर रुपए पर पड़ेगा।
डॉलर की मजबूती का एक और कारण भी हो सकता है। ऐसा कहा जा रहा है वैश्विक तेल कंपनियों में डॉलर की मांग बढ़ गई है जो कि डॉलर की मजबूती की वजह हो सकती है। इसके साथ ही अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जॉब्स को बढ़ाने के ऐलान के बाद से निवेशक अमेरिकी इकॉनॉमी की तरफ आकर्षित हुए है।