नई दिल्ली। साल 2004 के चर्चित केस तहलका में एक बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। तहलका केस में यौन शोषण के आरोपी तरुण तेजपाल को राहत देने के लिए उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को पत्र लिखा था। अमेरिकी अखबार टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक उनके हाथ एक खत लगा है, जिसके द्वारा ये बात कही जा रही है कि साल 2004 में चिदंबरम को सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर तहलका मामले में यौन शौषण के आरोपी तरुण तेजपाल को बचाने के लिए जांच को रुकवाने के आदेश दिए थे। वहीं सोनिया गांधी के पत्र के बाद तरुण के खिलाफ हो रही जांच को बंद कर दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक 2004 में सत्ता में आने के बाद सोनिया ने प्रवर्तन निदेशालय को मिलने के लिए बुलाया था।
रिपोर्ट के मुताबिक सोनिया ने चिदंबरम को निर्देश दिए थे कि तहलका मामले को सुलझाने के लिए उसे प्राथमिकता दी जाए, ताकि ये सनुश्चित किया जा सके कि इस केस में किसी भी प्रकार का गैरकानूनी कार्य नहीं किया गया था। सोनिया गांधी के पत्र के बाद यूपीए सरकार ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया था और दो दिन बाद फस्ट गलोबल पर चल रही जांच को हटा लिया गया था। उस दौरान तहलका निरंतर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर स्टोरीज कर रहा था। इस मामले के दोबारा उजागार होने के बाद चिदंबरम ने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि मैंने इस पत्र पर ज्यादा ध्यान दिया था , क्योंकि हो सकता है कि ये मेरे मंत्रालय का हिस्सा रहा होगा इसलिए मैंने जवाब दिया होगा।
चिदंबरम ने पत्र के उजागर होने को लेकर कहा कि मीडिया से सिफारिश करता हूं कि वे सरकार से मांग करें कि वो सोनिया के पत्र के साथ मेरे जवाब को भी सार्वजनिक करें। उन्होंने कहा कि मेरे और सोनिया जी के सवाल-जवाब को एक साथ पढ़ा जाना चाहिए। इस मामले के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये यूपीए सरकार द्वारा किए गए विनाश का सबूत है।