वॉशिंगटन| भारत विश्व में मोटापे के शिकार बच्चों की संख्या के मामले में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। एक अध्ययन में यह कहा गया है कि देश के 1.44 करोड़ बच्चों का जरूरत से ज्यादा वजन है। शोधार्थियों ने कहा कि दुनिया भर में दो अरब से अधिक बच्चे और वयस्क मोटापे या अधिक वजन से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं। इन स्वास्थ्य स्थितियों से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि उनकी मौत हो रही है, जबकि उन्हें तकनीकी रूप से मोटापे का शिकार नहीं माना जा सकता। न्यू इंग्लैंड जर्नल आफ मेडिसिने में छपे अध्ययन के अनुसार, निष्कर्ष बढ़ते और बिगड़ते वैश्विक स्वास्थ्य संकट को दर्शाते हैं।
बचपन में मोटापा एक ऐसी स्थिति हैं जिसमें बच्चा अपनी उम्र और समान ऊचाई के सामान्च बच्चों की तुलना में ज्यादा भारी होता हैं भारत में हर साल बचपन में मोटापे के करीब एक करोड़ नए मामले सामने आ रहे ये जितने भी मामले सामने आ रहे हैं इनमें बच्चों को इलाज मिलना मुश्किल हैं।
आपकों बता दें कि मोटापा दुनियाभर में एक गंभीर समस्या बनकर उभर रहा हैं न सिर्फ बड़ो में बल्कि बच्चों में भी इसका असर काफी तेजी से हो रहा हैं। बच्चों में मोटापे से उन्हें गंभीर रोग जैसे डायबिटीज और दिल संबंधी बीमारी होने का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता हैं।
हाल ही में हुए यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक रिसर्च में पाया गया कि सात साल की उम्र के बच्चों के बेडरुम में टीवी हैं उनके वजन में बदलाव देखे गए हैं। उन बच्चों के 11 साल की उम्र में मोटापे का शिकार होने की संभावना 30 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं।