उडुपी। विश्व हिन्दू परिषद के तत्वाधान में उड्डपी में धर्म संसद का आयोजन किया गया। धर्मसंसद के प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए पेजावर पीठाधीश्वर विश्वेशतीर्थ महाराज ने कहा कि सब प्रकार की बाधाओं को दूर करके एक साल के अंदर ही श्रीराम मंदिर का निर्माण प्रारंभ हो जायेगा। उडुपी में किसी भी धर्मसंसद में किया गया संकल्प हमेशा पूरा हुआ है। 1969 में अस्पृश्यता दूर करने का संकल्प लिया था 1985 की धर्मसंसद में श्रीराम जन्मभूमि का ताला खोलने का संकल्प लिया था। जिस तरह वे दोनों संकल्प साकार हो चुके हैं उसी प्रकार यह तीसरा संकल्प भी पूरा होगा।
धर्मसंसद में उपस्थित संतों ने करतल ध्वनि और जयश्रीराम के घोष के साथ इस घोषणा का स्वागत किया। इसके साथ ही उन्होने देश में बहुसंख्यक अल्पसंख्यक का भेद खत्म करने का आह्वान किया कि यदि आवश्यक हो तो संविधान संशोधन भी करना चाहिए लेकिन यह भेद समाप्त होना चाहिए। इस सत्र में विश्व हिन्दू परिषद के महामंत्री श्री चम्पत राय, गोविन्द देव गिरि , सुकैर स्वामी , डॉ परमानंद जी, आदिचुनचुनगिरि मठ के स्वामी निर्मलानंद व परमार्थ निकेतन चिदानंद ने हिन्दू समाज का आह्वान करते हुए कहा कि हिन्दू विजय की निर्णायक घड़ी आने वाली है और धैर्य से काम लेकर ही विजय प्राप्त की जा सकती है।
रामजन्मूमि के निर्माण को लेकर अयोध्या और उसके बाहर का माहौल लगातार गरम होता जा रहा है। इसको लेकर कई समझौते की भी कोशिशें चल रही हैं। श्री श्री रविशंकर भी इस मामले को लेकर अपना मसौदा सामने रख चुके हैं। लेकिन लगातार गतिरोध बढ़ता जा रहा है। अब धर्म संसद के जरिए एक बार फिर संतों ने इस प्रकरण को लेकर आगे बढ़ने की कवायद शुरू कर दी है।