नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता समिति की बैठक हुई। जिसमें कहा गया कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस बैठक में मंहगाई और अर्थव्यवस्थ की स्थिति को देखते हुए फैसला लिया गया है कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसे 6 फीसदी ही रखी गया है। इसके अलावा समिति ने जीएसटी के क्रियान्वयन पर भी नाखुशी जताई है। आरबीआई ने विकास दर के अपने पिछले अनुमान को भी घटा दिया है। आरबीआई ने विकास दर के अनुमान को 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है।
बता दें कि आरबीआई ने कैश रिजर्व रेशियो में भी कोई बदलाव नहीं किया है। यह 4 फीसदी ही रखा गया है। हालांकि समिति ने स्टैच्युअरी लिक्विडिटी ( सांविधिक नकदी अनुपात) में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। इसे 20 से 19.5 फीसदी कर दिया गया है। एसएलआर वह दर होती है, जिसके आधार पर बैंको को एक निश्चित फीसदी फंड रिजर्व बैंक के पास जमा करना होता है। एसएलआर रेट में बदलाव से यह होगा कि अब बैंकों को रिजर्व बैंक के पास कम पैसा रखना होगा।
वहीं आरबीआई जीएसटी के क्रियान्वयन से खुश नहीं है। मौद्रिक समिति का कहना है कि जीएसटी के लागू होने का इकोनॉमी पर नकारात्मक असर पड़ा है। इसकी वजह से लघु अवधि में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए दिक्कतें पैदा हुई हैं। इससे देश में निवेश की गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा। देश में निवेशक गतिविधियां पहले ही दबाव में है। हालांकि आरबीआई ने यह भी कहा है कि दूसरी छमाही में यह असर कम होगा और विकास को रफ्तार मिलेगी।