नई दिल्ली। सीएम योगी एक बार अयोध्या दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होने रामजन्मभूमि न्यास के पूर्व अध्यक्ष और इस आंदोलन के शलाका पुरूष बाबा रामचन्द्र दास परमहंस की पुण्यतिथि पर दिगम्बर अखाड़े में आयोजित समारोह में शिरकत की। सीएम योगी की इस यात्रा से एख बार फिर रामजन्मभूमि मुद्दा गरम हो गया है। क्योंकि इस यात्रा की रूपरेखा उनकी पिछली यात्रा के बाद ही बन गई थी।
माना जा रहा है कि इस यात्रा का उद्देश्य है इस मुद्दे का हल आपसी सुलह और समझौते के जरिए हो। ये बात आज सीएम योगी ने मंच से भी कही उन्होने अपने सम्बोधन में साफ तौर पर कहा कि राममंदिर मुद्दे का हल एक सकारात्मक राजनीति के जरिए होगा। इस मामले में उन्होने जिक्र किया कि दोनों पक्षकारों को आगे बढ़कर फिर एक बार इस मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए ।
आपसी सुलह समझौते के साथ अगर इस मुद्दे का हल निकले तो सभी पक्षों के लिए बेहतर है। माना जा रहा है कि इस मुद्दे का सकारात्मक हल निकालने के मसौदे के चलते सीएम योगी की ये यात्रा रही है। इस मुद्दे पर बीते मार्च माह में सुप्रीम कोर्ट की ऑउट ऑफ कोर्ट हल निकालने की कोशिशों से ये यात्रा अब जोड़कर देखी जा रही है। क्योकि इस यात्रा के दौरान योगी सभी हिन्दू पक्षकारों के साथ इस बारे में बातचीत और विचार विमर्श करते नजर आ रहे थे।
सीएम योगी खुद भी इस मुद्दे के साथ जुड़े हैं इसके गुरू और गोरक्षपीठ के पूर्व महंत ब्रह्मलीन अवैधनाथ इस आंदोलन के संरक्षक के तौर पर जाने जाते थे।अब योगी इस गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी है इसके साथ वो सूबे के मुख्यमंत्री भी है। इसलिए इस मुद्दे पर सीएम योगी कुछ ज्यादा संजीदा रहते हैं। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आप लगातार दूसरी बार रामनगरी दौरे पर हैं। तो सीएम योगी ने बेवाक तौर पर कहा कि मैं रामभक्त पहले हूं और सीएम बाद में अयोध्या मेरी आस्था का विषय है । इसलिए हर बार आता हूं और आता रहूंगा।