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पूर्व दूरसंचार मंत्री ने लिखी किताब, मनमोहन की चुप्पी पर उठाए सवाल

A RAJA PTI पूर्व दूरसंचार मंत्री ने लिखी किताब, मनमोहन की चुप्पी पर उठाए सवाल

नई दिल्ली।  यूपीए सरकार में दूरसंचार मंत्री रहे और टू जी घोटाले में आरोपी रहे ए राजा ने “2जी सागा अनफोल्ड्स” के नाम से एक किताब लिखी है, जिसमें उन्होंने मनमोहन सरकार के कई राजों को उजागर किया है और घोटाले को लेकर भी अपनी बात रखी है। बता दें कि ए राजा की किताब का शानिवार को विमोचन किया जाएगा। किताब की बात करें तो इसमें ए राजा ने घोटाले और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। ए राजा ने किताब में लिखा कि दूरसंचार की सारी जानकारी मनमोहन सिंह को थी, लेकिन उन्होंने फिर भी कभी मेरा बचाव नहीं किया।

उन्होंने लिखा कि मनमोहन सिंह जी को उनके सलाहाकार गलत जानकारी दे रहे थे और पीएमओ दूरसंचार लॉबी के दबाव में काम कर रहा था। पूर्व प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर ए राजा ने लिखा कि मेरी हर कार्रवाई जायज थी, लेकिन इसके बावजूद भी मनमोहन की चुप्पी ऐसी थी जैसे पूरे देश की अंतरआत्मा ने चुप्पी साध ली हो। उन्होंने यहां तक लिखा कि पूर्व प्रधानमंत्री को सीबीआई के छापों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। पूर्व दूरसंचार मंत्री लिखते हैं कि 22 अक्टूबर 2009 को सीबीआई ने दूरसंचार मंत्रालय और कुछ दूरसंचार कंपनियों के दफ्तरों पर छापे मारे थे। A RAJA PTI पूर्व दूरसंचार मंत्री ने लिखी किताब, मनमोहन की चुप्पी पर उठाए सवाल

उन्होंने लिखा कि इस दौरान मैं साउथ ब्लॉक में पीएम से उनके दफ्तर में मिला। पीएमओ में प्रधान सचिव टीके नायर भी मौजूद थे। राजा ने लिखा कि लोगों को ये बात जानकर हैरानी होगी की जब पूर्व प्रधानमंत्री को सीबीआई के छापों के बारे में बताया गया था तो वो चौंक गए थे।  इसी के साथ ए राजा ने अपनी किताब में पूर्व सीएजी विनोद राय पर भी जमकर हमला बोला। ए राजा ने लिखा कि विनोद राय का व्यवहार उस बिल्ली जैसा था जिसने अपनी आंखें बंद की और एलान कर दिया कि पूरे ब्रह्मांड में अंधेरा है। विनोद राय वैसे सूत्रधार की भूमिका में थे, जिसने काल्पनिक तस्वीर पेश की जिसके पीछे मीडिया और विरोधी पार्टियां लग गईं।

ए राजा ने किताब में लिखा कि यूपीए-टू की हत्या करने के लिए राजनीतिक साजिश रची गई जिसके लिए विनोद राय के कंधे पर बंदूक रखी गई थी। बता दें कि 2010 में CAG के खुलासे के बाद एक लाख छिहत्तर करोड़ रुपये का ये कथित घोटाला सामने आया था। उस दौरान 2009 में तत्कालीन यूपीए-2 की सरकार में टेलीकॉम कंपनियों को 2G स्पेक्ट्रम का आवंटन में नियमों की अनदेखी कर टेलीकॉम कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा था और साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने 2G स्पेक्ट्रम के सभी 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे।इस घोटाले में ए राजा जेल भी जा चुके हैं।  दिल्ली की निचली अदालत ने ए राजा समते सभी आरोपी को पिछले महीने ही बरी कर दिया है।

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