Breaking News featured पंजाब राज्य

पंजाब सरकार की अधूरी कर्जमाफी, किसानों को भरना पड़ेगा ब्याज

karjmaaf पंजाब सरकार की अधूरी कर्जमाफी, किसानों को भरना पड़ेगा ब्याज

चंडीगढ़। पंजाब की अमरिंदर सरकार ने किसानों का 47 हजार रुपये से ज्यादा का कर्ज तो माफ कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद भी किसानों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि किसानों को कर्जमाफी के बावजूद पिछले नौ महीनों का ब्याज भरना होगा। कर्ज माफी के लिए सरकार ने 31 मार्च 2017 तक के कर्ज को बैलेंस करते हुए किसानों का कर्ज माफ किया है, बाकि अप्रैल से लेकर अबतक के ब्याज को किसानों को भरना होगा। अब तक जितना भी ब्याज लगा है या उसके बाद कोई सामान लिया है, तो वह कर्ज माफी के दायरे में नहीं है। यहीं नहीं सरकार ने इसके लिए किसानों को मानों धमकी दे दी है कि जो किसान इस नौ महीने के ब्याज को चुकाने में असमर्थ रहता है उसे खाद और बाकी का सामान सोसायटियों की तरफ से नहीं दिया जाएगा।

सहकारी सभाओं के डीआर अमरजीत सिंह ने बताया कि सरकार ने 31 मार्च, 2017 का बैलेंस लेकर कर्ज माफी की है, लेकिन इसके बाद का ब्याज किसानों को चुकाना होगा। ऐसे में किसानों को हम तभी खाद्य व अन्य सामान देंगे जब वे अपने ब्याज को चुकाएंगे। आपको बता दें कि सरकार ने किसानों का जो कर्ज माफ किया है उसकी बात की जाए तो अगर किसान ने किसी सोसायटी से 50 हजार रुपये का कर्जा लिया है और सरकार ने उसे माफ कर दिया है तो 31 मार्च के बाद अब तक का ब्याज 1200 रुपये बनता है। वहीं सरकार ने 47 हजार किसानों का कर्ज माफ किया तो इस हिसाब से देखे तो सरकार को सीधे तौर पर 1200 के हिसाब से 64 लाख रुपये का फायदा हो रहा है। हालांकि किसानों का कर्ज 30 हजार से लेकर 1 लाख तक का है। karjmaaf पंजाब सरकार की अधूरी कर्जमाफी, किसानों को भरना पड़ेगा ब्याज

ऐसे में कम से कम ब्याज पौने 6 करोड़ रुपये बनता है। बङ्क्षठडा के तीन ब्लॉकों में कुल 188 सोसायटियां हैं। हर एक सोसायटी के पास कम से कम 400 मेंबर हैं। इनमें से करीब 50 फीसदी मेंबर सोसायटियों से कर्ज लेते हैं। सरकार की कर्ज माफी के बाद के ब्याज को तो सोसायटी के सदस्य को ही भरना होगा। उनको खाद तभी दी जा सकेगी। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई गाइडलाइंस नहीं आई हैं। कर्ज माफी की सूची के अलावा अभी भी सात हजार किसान ऐसे हैं जिन पर सोसायटी का कर्ज है, लेकिन उनके आधार कार्ड मैच नहीं हो पाए हैं। किसी के नाम की स्पेलिंग गलत या  फिर किसी जन्मतिथी सही नहीं है। वहीं 6638 किसानों ने अपने आधार कार्ड जमा नहीं करवाए हैं। कुछ किसान ऐसे हैं, जिनके आधार कार्ड बने ही नहीं है।

 

इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धपुर के नेता गुरबख्श सिंह बलवेड़ा ने कहा है कि पंजाब सरकार ने जो कर्ज माफ किया है, वह सिर्फ खेती सेक्टर के नाम पर सोसायटी का ही है। विधानसभा चुनाव के समय कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों का पूरा कर्ज माफ करने का वादा किया, लेकिन रविवार को मानसा में समागम के दौरान करोड़ों रुपये खर्च कर केवल चहेते किसानों को ही कर्ज माफी के सर्टिफिकेट दिए गए। किसान नेता जगजीत सिंह डलेवाल व बोध सिंह मानसा ने कहा कि सरकार ने बेहद कम राहत दी है। कर्ज सूचियों में हेरा-फेरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कारवाई की जाए।

Related posts

कठुआ गैंगरेप मामले में बिग बी के बयान से भड़के फैंस, कहा- ये है बॉलीवुड का असली चेहरा

rituraj

सुकमा अटैक: गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हो रही हाईलेवल मीटिंग

kumari ashu

नोटबंदी का नहीं किया कभी समर्थन: पूर्व गवर्नर रघुराम राजन

Rani Naqvi