नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय में शनिवार को एक बैठक काआयोजन किया गया जिसमें सरकार की योजना ”2022 तक सभी को आवास” में निजी रियल स्टेट डेवलपर्स को भी जोड़ने पर बातचीत हुई। इस बैठक का मुख्य मुद्दा योजना में आ रही परेशानियों को दूर करके इसे सुनियोजित ढंग से चलाना था।
यह बैठक प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने बुलाई थी। सूत्रों की मानें तो ये बैठक तकरीबन 2 घंटे तक चली, जिसमें चर्चा के कई मुद्दे शामिल थे। सस्ते आवासों पर ब्याज सब्सिडी के लाभ संभावित गृह खरीददारों तक जल्द से जल्द कैसे पहुंचे। इस योजना का लाभ मध्यम वर्ग तक पहुंचाने और समय सीमा के अंदर ही इस योजना को सही रूप देने पर विचार किया गया।
करीब दो महीने पहले शहरी विकास और आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा था कि किफायती आवासीय योजनाओं में कोई प्रस्ताव निजी बिल्डर की ओर से न मिलने के कारण वो काफी निराश हैं, और इसके पीछे के कारणों को जानना बहुत जरूरी है। बैठक में रीयल इस्टेट डेवलेपर्स की ओर से सीआरईडीएआइ और एनएआरईडीसीओ जैसे दो संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। इसके अलावा बैठक में टाटा हाउसिंग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल की पूर्व संध्या को देश को संबोधित करते हुए कहा था कि इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में गरीबों के लिए 33 फीसदी ज्यादा घरों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, शहरी इलाको में 9 लाख और 12 लाख रुपए तक के होम लोन पर केवल 4 फीसदी और 3 फीसदी ब्यारज सब्सिडी दी जाएगी।