नई दिल्ली। केंद्र व राज्य सरकारों के बीच बेहतर तालमेल और केंद्रीय योजनाओं को ठीक ढंग से लागू करने के साथ ही राज्यों के संपूर्ण विकास को गति देने के लिए प्रधानमंत्री राज्यों के मुख्य सचिवों से मुलाकात करेंगे। संभवतः यह पहला मौका है जब राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ प्रधानमंत्री सीधा संवाद करेंगे। यहां सोमवार को होने वाले राज्य मुख्य सचिवों, वित्त सचिवों व नियोजन सचिवों के एकदिवसीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखेंगे और अलग-अलग मोर्चों पर अधिकारियों को उनके दायित्वों की याद दिलाएंगे।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री 10 जुलाई को होने वाले इस मुख्य सचिवों और अन्य अधिकारियों के दिन भर चलने वाले एकदिवसीय सम्मेलन में पूरा समय देंगे। ऐसे में सम्मेलन में पूरे समय प्रधानमंत्री की मौजूदगी से क्षेत्रीय असंतुलन और असमानताओं को हटाने और राज्यों के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने की उम्मीद है। वहीं बिहार में पोषण कार्यक्रम के तहत कैश भुगतान के सकारात्मक प्रभाव और नागपुर नगर निगम द्वारा सार्वजनिक-निजी साझेदारी पर पेयजल और सीवेज उपचार संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रस्तुतीकरण भी विस्तृत एजेंडा का हिस्सा है।
साथ ही बताया जा रहा है कि नीति आयोग के सदस्य बिवेक ओबरॉय 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट के आधार पर राज्यों की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण प्रस्तुत करेंगे। वह राज्यों के डिलीवरी सिस्टम को दुरुस्त करने पर भी अपनी बात रख सकते हैं। इसके अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी चर्ची की जाएगी। इसमें नकद विहीन अर्थव्यवस्था, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, कृषि, स्वास्थ्य और पोषण, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना व अन्य कई विषय शामिल हैं।