टोरंटो। कनाडा ने 102 साल पुरानी भारतीयों के उस अपमान के लिए माफी मांगी है, जिसमें जलपोत कोमागाता मारू पर सवार 376 यात्रियों को कनाडा बंदरगाह से नस्ली भेदभाव के कारण लौटा दिया गया था। इस पोत पर अधिकतर सिख सवार थे।
कनाडाई प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मिस्टर स्पीकर, आज मैं कनाडा की सरकार की ओर से कोमागाता मारू घटना में अपनी भूमिका के लिए माफी मांगने के लिए खड़ा हुआ हूं। एक सदी से ज्यादा अरसा पहले एक बड़ा अन्याय हुआ था।’’ ट्रुडू ने कहा, ‘‘बिना किसी सवाल के कनाडा की सरकार उन कानूनों के लिए जिम्मेदार थी जिसने इन मुसाफिरों को शांतिपूर्वक और सुरक्षापूर्वक आव्रजन करने से रोका। उसके लिए, और उसके बाद हुए हर खेदजनक परिणाम के लिए हमें अफसोस है।’’ दैनिक ‘द स्टार’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि संसद की गैलरी भरी थी और सांसदों तथा आमंत्रित दर्शकों ने अपनी सीट से खड़े हो कर उनका अभिवादन किया।
कोमागाता मारू 376 मुसाफिरों के साथ 23 मई 1914 को हांगकांग से वैंकुवर गोदी पहुंचा था। ज्यादातर मुसाफिरों को निरंतर यात्रा अनुच्छेद के तहत लौटा दिया था। इसमें बिना कहीं रूके कनाडा पहुंचने वाले मुसाफिरों को इजाजत देने का प्रावधान था।