नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की राष्ट्रपति पद की विदाई के लिए संसद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थी। दरअसल प्रणब के कार्यकाल का सोमवार को आखिरी दिन है उसके बाद वो राष्ट्रपति नहीं रहेंगे। जिसक बाद देश के नए राष्ट्रपति रामनाथ गोविंद 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
बता दें कि विदाई कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विदाई भाषण दिया। इस दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक करियर का बखान किया। साथ ही उनकी उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। इसके बाद सुमित्रा महाजन ने राष्ट्रपति को विदाई भाषण की प्रति भेंट की। वहीं उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बताया कि कैसे प्रणब मुखर्जी ने संसद में रहने के दौरान वहां बहस के स्तर को बढ़ाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति से पहले आप विश्व के सर्वश्रेष्ठ विदेश मंत्री रहे। साथ ही वित्त मंत्रालय में आपने शानदार काम किया।
साथ ही प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा स्पीकर और उपराष्ट्रपति को धन्यवाद किया। साथ ही संसद के सभी सदस्यों का अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि मैं 34 साल की उम्र में पहली बार सांसद के रूप 22 जुलाई 1969 को राज्यसभा पहुंचा। साथ ही संसदीय कार्यकाल का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ सांसद लालकृष्ण आडवाणी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी याद किया। राष्ट्रपति मुखर्जी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को भी याद किया। वरिष्ठ सदस्यों के भाषणों से सीख ली। उन्होंने कहा कि संसद ने मेरी राजनीतिक दृष्टि को दिशा दी। वहीं प्रणब मुखर्जी ने ये भी कहा कि देश की एकता संविधान का आधार है। पहले संसद में गंभीर चर्चा होती थी।