नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की जनता के बीच मन की बात कार्यक्रम को लेकर 33 वीं बार आये थे। आज मन की बात कार्यक्रम की पीएम मोदी ने शुरूआत रमजान के महीने के पवित्र त्यौहार ईद से शुरू की उन्होने ईद के इस पर्व की सभी देशवासियों को बधाई दी। इसके साथ ही भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर्व को लेकर देश में विविधा के स्वरूप का जिक्र करते हुए । इस रथयात्रा पर्व के लिए भी देशवासियों को मुबारकबाद दी।
कैसे हुई मन की बात में आपातकाल की चर्चा
पीएम मोदी ने अपने मन के बात कार्यक्रम का विस्तार एक पत्र के माध्यम से करते हुए कहा कि हमें इस कार्यक्रम को लेकर कई सुझाव और विचारों से ओत-प्रोत पत्र मिलते रहते हैं। जिसने हमें काफी कुछ आप सभी के बारें में जानने का मौका मिलता है। आज एक पत्र का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने 25 जून 1975 को देश में लगे आपात काल का जिक्र किया।
आपातकाल को लेकर पीएम ने साधा कांग्रेस पर निशाना
पीएम मोदी ने आपातकाल का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि यह भारतीय राजनीति के इतिहास का सबसे काला दिन था । जब 21 महीने एक स्वतंत्र राष्ट्र में आपातकाल लगा हो। सारी सेवाएं प्रभावित हो गई थीं। देश में लोकतंत्र के नाम पर कुछ नहीं रह गया था। जनता और सरकार के बीच के रिश्ते खत्म हो गये थे। हजारों हजार लोगों को जेल भेज दिया गया था।
Spoke about the Emergency & how people of India successfully protected our democratic values & ethos. #MannKiBaat https://t.co/FOCqBwOCrL
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2017
देश के इतिहास का ये सबसे काला दिन था। इसे याद कर रूह कांप जाती है। जब लोकतंत्र के ऊपर कुठाराघात किया गया था। लेकिन लोकतंत्र जनता से चलता है। देश की जनता ने साबित किया जब उसे मौके दुबारा मिला। आपतकाल लगाने वालों को जनता ने करारा जबाब अपने मताधिकार के अधिकार से दिया।
पीएम मोदी के तंज पर कांग्रेस का वार
इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस का बिना नाम लिए कांग्रेस पर कई बार तंज और व्यंग्य बोले जिसके बाद कांग्रेस की तरफ से तीख प्रतिक्रिया भी आई।कांग्रेसी नेता टी वडाक्कन ने इस बारे में कहा कि आज कौन से देश के हालात बदल गये हैं। आज भी देश में इमरजेंसी जैसे हालात पीएम मोदी की सरकार के दौरान हैं । इस बारे में पीएम मोदी को जबाब देना चाहिए। आज देश में चारों ओर किसान मर रहे हैं। लोग रोजगार अन्य मुद्दों के लिए सड़क पर धरना दे रहे हैं। लोगों की आवाजें दबाई जा रही हैं। इस पर पीएम मोदी और सरकार से सवाल किया जाना चाहिए।
अजस्र पीयूष