जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान को आधुनिक रिफाइनरी मिल का तोहफा देने के लिए मंगलवार को बाड़मेर जाएंगे। बाड़मेर के पचपडरा में पीएम मोदी की इस रिफाइनरी का उद्घाटन करेंगे। वहीं इसको लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने पीएम पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस रिफाइनरी का शिलान्यास पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी साल 2013 में कर चुकी हैं, जिसके तहत 43,000 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस परियोजना के चार साल बाद पूरा होने के बाद प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
ये 9 मिलियन मिट्रिक टन प्रति साल क्षमता वाली रिफाइनरी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और राजस्थान सरकार का एक संयुक्त उद्यम है, जिसके उत्पाद बीएस-बीआई उत्सर्जन के मानकों के अनुरूप होंगे। इस बीच बाड़मेर रिफाइनरी को लेकर कांग्रेस और राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार में ठंन गई है। रिफाइनरी को लेकर राज्स्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी से सवाल किया है कि रिफाइनरी का शिलान्यास फिर से क्यों किया जा रहा हैं, जोकि साल 2013 में पहेल ही हो चुका है।
गौरतलब है कि साल 2013 में विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने सोनिया गांधी को बुलाकर तेल रिफाइनरी का शिलान्यास करवाया था। इसके बाद वसुंधरा राजे ने सत्ता में आते ही इसे घाटे का सौदा बताकर बंद कर दिया। वहीं अब 2018 में विधानसभा चुनाव है तो वसुंधरा राजे ने 16 जनवरी को फिर से शिलान्यास करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले पर बीजेपी पर उन्हीं के हिंदू कर्म-कांड का हवाला देकर कह रहे हैं कि एक जगह हुए मंत्रोच्चार के कार्यक्रम को रद्द कर उसी जगह पूजा करना ठीक नहीं है।