नई दिल्ली। पीएम मोदी चीन के बॉर्डर एंड इनिशिएटिव के खिलाफ आवाज उठाने वाले अकेले विश्व नेता हैं। हालांकि अमेरिका भी इस महत्वकांक्षी परियोजना पर चुप हैं। चीन मामलों को लेकर अमेरिका के एक शीर्ष विशेषज्ञ का कहना है कि भारत ने हमेशा चीन मुद्दों पर अपनी बात को बहुत ही बेबाकी और खुल कर रखा है। पिल्स्बरी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक के पहले ऐसे नेता हैं जिन्होंने इसके खिलाफ अपने विचार व्यक्त किए हैं। पीएम मोदी और उनकी टीम ने इस पर खुलकर विचार व्यक्त किए हैं। उनका कहना है कि इसका एक कारण ये भी है कि बेल्ट एंड रोड इंनिशिएटिव से भारतीय संप्रभुता के दावों का उल्लंघन होना है।
बता दें कि ये परियोजना पांच साल पुरानी है लेकिन अमेरिकी सरकार इस पर हमेशा खामोश रही है। वहीं अमेरिका की हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर नई रणनीति का सरहाना करते हुए पेंटागन के पूर्व अधिकारी का कहना है कि हाल ही में लोगों ने राष्ट्रपति समेत ट्रंप प्रशासन के सदस्यों को 50 से ज्यादा बार स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बात कहते सुना है। अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञय का कहना है कि चीन इसका विरोध पहले ही कर चुका है। चीन को ये पसंद नहीं है।