मुजफ्फरपुर। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में स्मार्टफोन हमारे लिए जरुरी हो गया है। ये जरुरत कब आदत में बदल जाएगी इसका किसी को पता नहीं चलता, युवा पीढ़ी तो फिर भी अपने काम की महत्वता समझ रही है, लेकिन जो असल में इसका शिकार हो रहे हैं वो हैं बच्चे।
बच्चों ने स्मार्टफोन को अपनी दुनिया बना ली है। आजकल के ज्यादातर बच्चे बाहर खेलने से ज्यादा फोन में गेम खेलना पसंद करते हैं। हाल ही में इसी फोन में एक गेम बहुत चर्चा में आया जिसका नाम ब्लू व्हेल गेम है। इस गेम को खेलते रहने से बच्चों ने आत्महत्या कर ली। ये गेम तो जानलेवा है ही, लेकिन साथ ही जानलेवा है फोन की लत।
यहां जिले के बच्चों के घर में जब बच्चों के माता-पिता से उनके बच्चों के फोन से चिपके रहनी की बात पूछी गई तो सबके नतीजे लगभग एक ही थे। लगभग हर घर में छोटा बच्चा फोन का आदती है। जिद भी ऐसी की अगर फोन ना मिले तो वो खाना खाना छोड़ देते हैं। बच्चों ने बाहर खेलना कम कर दिया है। माता-पिता अगर जॉब कर रहे तो वो बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभा पाते। बच्चे परेशान न करें वे उन्हें मोबाइल पकड़ा देते हैं, जो बाद में विस्फोटक हो जाता है। किशोर व किशोरी एक पोस्ट डालने के बाद बार-बार उसमें जाकर ‘लाइक’ देखते हैं। कम मिले तो हीन भावना से ग्रसित हो जाते हैं।