भोपाल। पेट्रोल और डीजल भी जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में आ सकते हैं। इसे लेकर अब मांग तेज हो रही है। केंद्र स्तर पर इस संदर्भ का विचार चल रहा है। आपको बता दें कि बीते मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस संदर्भ में चर्चा की गई। अगली कैबिनेट बैठक में यह मुद्दा फिर उठेगा।
बता दें कि वित्त मंत्री जयंत मलैया के मुताबिक पेट्रोल-डीजल से वैट घटने पर राज्य की आय प्रभावित हुई है। बिक्री बढऩे से कुछ भरपाई भी हुई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात उठ रही है। जीएसटी काउंसिल के सामने जब यह विषय आएगा तो राज्य सरकार का पक्ष रखा जाएगा।
वहीं जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व आय घटने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अभी आंकड़े नहीं देखे हैं। विस्तार से देखने पर ही कुछ कहा जा सकेगा। राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत 2017-18 की पहली छमाही के आय-व्यय का समीक्षा विवरण विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा। इसे 26 नवंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। तब यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि जीएसटी ने राजस्व को कैसे और कितना प्रभावित किया है।