देहरादून। लगातार डीजल-पेट्रोल के दाम में हो रहे इजाफे के चलते फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स ने अब सरकार की इस नीति का विरोध करने का फैसला किया है। इसके लिए फेडरेशन ने एक सूचना जारी करते हुए उससे सम्बन्धित पम्पों को 16 जून को तेल ना खरीदने और बेचने को कहा है। हांलाकि पेट्रोल पंपों की दूसरी एसोसिएशन अब तक इस आंदोलन में अपनी भागीदारी स्पष्ट नहीं कर पाई हैं। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स द्वारा किए जा रहे इस आंदोलन में ये अन्य एसोसिएशन भाग लेंगी या नहीं।
अगर फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स की तेल बंदी आंदोलन में अन्य एसोसिएशन ने भागीदारी की तो सूबे में पंपों पर तेल की आवक 16 जून को बंद रहेगी। अगर अन्य एसोसिएशन इस आंदोलन में ना भी शामिल हों तो राजधानी दून में करीब दर्जन भर पंपों में ये हड़ताल तो रहेगी ही। अगर एसोसिएशन की मांग पर अन्य ने भी साथ दिया तो निश्चित तौर पर जनता को बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल, केंद्र सरकार के फैसले के अनुसार 16 जून से प्रत्येक दिन पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बदलाव होंगे। कई पंप इस व्यवस्था को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया पेट्रोलियम ट्रेडर्स के राष्ट्रीय सचिव अमरजीत सेठी ने बताया कि आंदोलन के पहले चरण में सिर्फ 16 जून को न ही पेट्रोल-डीजल खरीदा जाएगा और न ही बेचा जाएगा। यदि जल्द केंद्र सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की तो 24 जून से देशभर के पेट्रोल पंप संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। फेडरेशन ने हाल ही में इस संबंध में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भी ज्ञापन सौंपा है।