सूबे के मुखिया योगी भले ही चुस्त दुरुस्त कानून व्यवस्था के दावे कर रहे हों। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। एक पीड़ित परिवार नाली के विवाद को लेकर न्याय की गुहार लगा रहा हैं। अपनी फर्याद को लेकर सूबे के मुखिया के दरबार में भी न्याय की गुहार लगा चुका है लेकिन वहां भी सिर्फ आश्वासन ही मिला। न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ने का इस पीड़ित परिवार ने मन बना लिया। पैसों के अभाव के कारण परिवार के मुखिया ने अपनी किडनी बेचने के लिए भारत के पीएम और प्रदेश के सीएम से गुहार लगा दी।
पीड़ित की मानें तो उसने न्याय के खातिर सीएम से लेकर डीएम तक फरियाद की गांव में सरकारी अमला न्याय दिलाने के लिए गया लेकिन दबंगों के आगे सरकारी सिस्टम इतना लाचार हुआ कि उसे न्याय नही मिला। पीड़ित अब किडनी बेच कर उससे मिलने वाले पैसों को उस सिस्टम में लगाएगा जिसकी वजह से उसे न्याय नही मिल पा रहा है।
पूरा मामला उत्तर प्रदेश फतेहपुर जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के मुरारपुर गांव का है। यहां बबलू शर्मा जिसने अपने क्षेत्र के प्रधान राजेंद्र सिंह पर आरोप लगाया है कि प्रधान जबरन उनके खेतों से नाली निकला रहा हैं। जिससे खेत और खेती दोनों प्रभावित हो रही है। प्रधान जबरन यह निर्माण करा रहा है। पीड़ित ने सीएम योगी को भी लिखित प्रार्थना पत्र दिया मगर वहा भी आश्वासन ही मिला। हालातों से लड़ते-लड़ते पीड़ित ने हार नहीं मानी।
पैसे के अभाव के कारण पीड़ित ने न्याय पाने के लिए पीएम और सीएम के साथ साथ अखिलेश यादव और मायावती को लिखित प्रार्थना पात्र देकर अनुमति मांगी हैं। पीड़ित के बेटे की माने जाए तो पैसे के अभाव के कारण उसकी शिक्षा प्रभावित हो रही हैं। वही पीड़ित के परिजनों का कहना हैं की अगर हमको न्याय नहीं मिला तो हम पूरा का पूरा परिवार आत्महत्या कर लेंगे। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है।