नई दिल्ली। फिल्म पीपली लाइव के सह निर्देशक महमूद फारुकी पर रेप का आरोप लगा था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने फारुकी को बरी करने का फैसला दिया था और कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से फारुकी को बड़ी राहत मिली है।हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि हर बार ना का मतलब ना नहीं होता।फारुकी के लिए वो ना स्पष्ट नहीं था।लड़की के वकील से कई सवाल पूछे गए थे जिसमें दोनों ने कितनी बार घुमने गए और कितने बार डिंक्र किया।
फारुको को लड़की ने आई लव यू का संदेश क्यों भेजा।इस बात पर भी कोर्ट ने सवाल उठाए। कोर्ट का कहना था कि कोई रेप पीड़िता ऐसे संदेश क्यों भेजेगी।दोनों के घटना से पहले भी शारीरिक संबंध थें ऐसे में रेप जैसी कोई घटना नहीं बनती।