श्रीनगर। कश्मीर घाटी में रविवार को हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई। राज्य के कालेजों में मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए हुए कामन एंट्रेस टेस्ट (सीईटी) में 10 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि घाटी में रविवार को अपेक्षाकृत शांति रही। कहीं से हिंसा की कोई सूचना नहीं मिली है। कुछ जगहों पर छिटपुट प्रदर्शन हुए हैं।
घाटी के 10 जिलों के 10 हजार विद्यार्थी सीईटी परीक्षा में बैठे। इन्हें जिला मुख्यालयों से श्रीनगर तक लाने और वापस ले जाने के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए थे। बोर्ड आफ प्रोफेशनल एंट्रेस इग्जामिनेशन (बीओपीईई) के एक अधिकारी ने रविवार को कहा कि परीक्षा का आयोजन सफल रहा। एमबीबीएस में प्रवेश के लिए फार्म भरने वालों में से करीब 92 फीसदी विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शहर के कुछ परीक्षा केंद्रों का दौरा किया और विद्यार्थियों और स्टाफ से मुलाकात की। एक मतदान केंद्र पर महबूबा के पहुंचने पर अभिभावकों ने भारत विरोधी नारे लगाए। मीडिया से बातचीत में महबूबा ने कहा कि घाटी के हालात के बारे में समाज को आत्ममंथन करना होगा।
उन्होंने कहा, “एक साजिश के तहत हमारी शिक्षा व्यवस्था, आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को बर्बाद किया जा रहा है। लोगों को इस बारे में सोचना होगा।” मुख्यमंत्री ने पथराव करने वालों द्वारा लगाए गए उन पोस्टरों का जिक्र किया जिनमें लड़कियों को स्कूटी चलाने से मना किया गया है और कहा गया है कि मना करने के बावजूद स्कूटी चलाने वाली लड़कियों को गाड़ी के साथ जला दिया जाएगा।
महबूबा ने कहा, “यह बात कह कर किस तरह का संदेश दिया जा रहा है कि हमारी बच्चियां स्कूटी न चलाएं या शादी समारोहों में अच्छे कपड़े न पहनें? क्या यही भविष्य हम अपनी बेटियों को देने जा रहे हैं?” इस बीच, अधिकारियों ने रविवार को भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए घाटी के कई जगहों पर कर्फ्यू और प्रतिबंधों को बनाए रखा।
अलगाववादियों ने अपना आंदोलन 5 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है। उन्होंने लोगों से कहा है कि वे 5 अगस्त तक शाम 6 बजे के बाद खरीदारी वगैरह करें। अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक को श्रीनगर स्थित उनके घरों में नजरबंद रखा गया है। यासीन मलिक को एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में 19 दिन तक रखे जाने के बाद श्रीनगर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।