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कारगिल युद्धः जब हमने पाकिस्तानी सेना को चटाई थी धूल

kargil 02 कारगिल युद्धः जब हमने पाकिस्तानी सेना को चटाई थी धूल

कारगिल युद्ध का कारण था बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों व पाक समर्थित आतंकवादियों का लाइन ऑफ कंट्रोल यानी भारत-पाकिस्तान की वास्तविक नियंत्रण रेखा के भीतर प्रवेश कर कई महत्वपूर्ण पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लेह-लद्दाख को भारत से जोड़ने वाली सड़क का नियंत्रण हासिल कर सियाचिन-ग्लेशियर पर भारत की स्थिति को कमजोर कर हमारी राष्ट्रीय अस्मिता के लिए खतरा पैदा करना।

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कारगिल युध्द भारत और पाक के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में हुए सशस्त्र संघर्ष का नाम है। पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। पाकिस्तान ने दावा किया कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी। लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5,000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया। यह युद्ध ऊँचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनाओं को लड़ने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। आणविक शस्त्र बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यह पहला सशस्त्र संघर्ष था।

पाकिस्तान में इस युद्ध के कारण राजनैतिक और आर्थिक अस्थिरता बढ़ गई और नवाज़ शरीफ़ की सरकार को हटाकर परवेज़ मुशर्रफ़ राष्ट्रपति बन गए। दूसरी ओर भारत में इस युद्ध के दौरान देशप्रेम का उबाल देखने को मिला और भारत की अर्थव्यवस्था को काफ़ी मजबूती मिली। भारतीय सरकार ने रक्षा बजट को और बढ़ाया। पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना प्रमुख करामात के बीच 1998 के करीब, मतभेद बढ़ गये थे। करामात की सेवानिवृत्ति के पश्चात किसे सेना प्रमुख बनाया जाय इस बात पर भी बहस चल रही थी। नवाज़ शरीफ ने एक आमसभा में उनके ऊपर टीका-टिप्पणी की, इस बात से गुस्सा होकर करामात ने सेना प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया। नवाज शरीफ ने जनरल परवेज़ मुशर्रफ को सेना प्रमुख के पद पर नियुक्त कर दिया।

(गंगेश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार)

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