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पार्टी प्रतिनिधियों की सर्वसम्मति से जिंगपिंग एक बार फिर बने चीन के राष्ट्रपति

CHINA xi jinping पार्टी प्रतिनिधियों की सर्वसम्मति से जिंगपिंग एक बार फिर बने चीन के राष्ट्रपति

बीजिंग। शी जिगपिंग  एक बार फिर सर्वसम्मति से चीन के राष्ट्रपति नियुक्त हो गए हैं। जिनपिंग, माओत्से तुंग के बाद दो बार कार्यकाल संभालने वाले दुसरे राष्ट्रपति बन गए है। चीन की सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति के रूप में जिनपिंग के पांच साल के दूसरे कार्यकाल की पुष्टी की। इसी के साथ पार्टी ने जिंनपिगं का नाम और उनके विचारों को भी चीन और पार्टी के संविधान में सम्मलित किया है। उनके विचारों को पार्टी के संविधान में जगह मिलने के बाद जिंनपिंग का दर्जा पार्टी के संस्थापक माओ और उनके उत्तराधिकारी डेंग शियाओपिंग के बराबर पहुंच गया है।

कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के सम्मेलन में पार्टी ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर जिनपिंग के समाजवाद के सिद्धांत को पार्टी के संविधान में शामिल किया। इससे पहले सिर्फ माओ और डेंग के विचार ही संविधान में शामिल थे और पद पर रहते हुए केवल माओ का नाम ही संविधान में शामिल किया गया था, जबकि डेंग का नाम उनकी मृत्यू के बाद साल 1997 में शामिल किया गया। वहीं जिंनपिंग से पहले हू जिंताओ और जियांग जेमिन के सिद्धांतो को तो संविधान में शामिल किया गया था,लेकिन उनके नामों को संविधान में जगह नहीं मिली थी। CHINA xi jinping पार्टी प्रतिनिधियों की सर्वसम्मति से जिंगपिंग एक बार फिर बने चीन के राष्ट्रपति

दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने की खुशी में जिनपिंग ने पार्टी के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि चीन और चीन के लोगों के सामने उज्जवल और महान भविष्य है और इस महान क्षण में हम ज्यादा आत्मविश्वास और गर्व महसूस करते हैं। बता दें कि पार्टी के सम्मेलन में हिसा लेने के लिए 2300 प्रतिनिधी पार्टी कार्यालय में उपस्थित हुए थे। जिनपिंग की दोबारा नियुक्ति के साथ ही अगले पांच सालों तक मंत्रियों के पद पर रहने वाले प्रतिनिधियों की भी घोषणा की गई।

 

जिनपिंग की बात करें तो उनका जन्म 15 जून 1953 को हुआ था और वो साल  1974 में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुए। वे 2008 से 2013 तक उपराष्ट्रपति रहे। 2012 के अंत में पार्टी नेतृत्व संभालने के बाद जिनपिंग ने धीरे-धीरे अपनी स्थिति मजबूत कर ली। 2013 में उन्हें चीन का सातवां राष्ट्रपति बनाया गया। 2016 में पार्टी ने उनका रूतबा मजबूत करते हुए उन्हें प्रमुख नेता की उपाधि दी थी। बताते चलें कि इस समय वे चीन के सबसे शक्तिशाली नेता हैं और वो पार्टी, शासन और सेना तीनों का नेतृत्व करते हैं।

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