नई दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा एंटी ब्लैक मनी डे मनाए जाने से दो दिन पहले पनामा पेपर मामले में एक ऐसा खुलासा हुआ है। जिसमें कई भारतीयों के नाम हैं। इसके जरिए विदेशी कंपनियों और 19 टैक्स हैवेन देशों के बारे में बताया गया है। 1.34 करोड़ दस्तावेजों के इस सेट को पैराडाइज पेपर्स नाम दिया गया है। ये खुलासा पनामा पेपर्स के खुलासे के 18 महीनों के बाद हुआ है। ये दोनों ही खुलासे जर्मनी के एक न्यूजपेपर द्वारा किए गए हैं। इन मामलों को सामने लाने के लिए इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स की ओर से छानबीन की गई है। यह कंसोर्टियम 96 मीडिया ऑर्गेनाइजेशन के साथ पार्टनरशिप करके यह काम करता है।
बता दें कि भारतीय मीडिया के मुताबिक इन दस्तावेजों की करीब 10 महीनों तक छानबीन की और भारतीयों की एक लिस्ट निकाली है। उन्हें एक सीरीज में एक के बाद एक 40 रिपोर्ट के जरिए छापा जाएगा, जिसकी शुरुआत 5 नवंबर की रात 11.30 से ही हो चुकी है। जिन दस्तावेजों की छानबीन की गई है, उनमें से अधिकतर बरमूडा की लॉ फर्म एप्पलबाय के हैं। 119 साल पुरानी यह कंपनी कोई टैक्स सलाहकार कंपनी नहीं है, बल्कि वकीलों, अकाउंटेंट्स, बैंकर्स और अन्य लोगों के नेटवर्क की एक सदस्य है। इस नेटवर्क में वह लोग भी शामिल हैं जो अपने क्लाइंट्स के लिए विदेशों में कंपनियां सेट अप करते हैं और उनके बैंक खातों को मैनेज करते हैं। ये लोग टैक्स से बचाव, रीयल एस्टेट प्रॉपर्टी का मैनेजमेंट, एयरप्लेन और यॉट को कम टैक्स देकर खरीदने करोड़ों रुपयों को दुनिया में यहां से वहां भेजने का काम करते हैं।
वहीं इस लिस्ट में कुल 180 देशों के नाम हैं। नामों की संख्या के हिसाब से देशों को रैंकिंग दी जाए तो भारत में इसमें 19वें नंबर पर है। इन दस्तावेजों में कुल 714 भारतीय के नाम हैं। दिलचस्प बात यह है कि एप्पलबाय का दूसरा सबसे बड़ा क्लाइंट एक भारतीय कंपनी है, जिसकी दुनियाभर में करीब 118 सहयोगी कंपनियां हैं। एप्पलबॉय के भारतीय क्लाइंट्स में कुछ बड़े कॉरपोरेट और कंपनियां हैं, जो अक्सर ही एसबीआई और ईडी के जांच के दायरे में आई हैं। पूरी दुनिया की बात करें तो छानबीन से रूस की एक फर्म को लेकर भी खुलासा हुआ है कि उसने ट्विटर और फेसबुक में निवेश किया हुआ है। इसके अलावा रूस और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अरबपित कॉमर्स सेक्रेटरी विलबर रॉस के बीच संबंध का भी खुलासा हुआ है।
साथ ही लिस्ट में बरमूडा की एक कंपनी में अमिताभ बच्चन के शेयर्स होने का भी खुलासा हुआ है, जो उन्होंने 2004 की लिब्रलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम से पहले खरीदे थे। इसके अलावा कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया और संजय दत्त की पत्नी का नाम भी इसमें है। संजय दत्त की पत्नी (मान्यता दत्त) अपने पूर्व नाम दिलनशीं नाम से इस दस्तावेज के खुलासों में शामिल हैं। इस लिस्ट में सिविल एविएशन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा का भी नाम शामिल है, क्योंकि वह पहले ओमिड्यार नेटवर्क से जुड़े हुए थे।