पलवल। पलवल जिले के ग्रामीण पॉलीथिन के खिलाफ खड़े होने लगे हैं। गांवों के सरपंच इस अभियान में विशेष रुचि ले रहे हैं। निरीक्षण के दौरान 70 गांव पॉलीथिन मुक्त पाए गए हैं। इन गांवों में ग्राम पंचायतों ने घरों में एकत्रित पॉलीथिन भी खरीद ली हैं। इस पॉलीथिन से कहीं चटाई बनाई जा रहीं हैं तो कहीं रस्सियां। अब गावों के बीच पॉलीथिन मुक्त होने की होड़ लग गई है। जिले में सुपर विलेज चैलेंज प्रतियोगिता जिला प्रशासन के तत्वावधान में चलाया जा रहा है। इस प्रतियोगिता के तहत गांवों को पॉलीथिन मुक्त करने के अंक भी दिए जा रहे हैं।
यह अभियान मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी अभिनव वत्स के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है। प्रगतिशील सरपंच इस अभियान में जोर-शोर से हिस्सा ले रहे हैं। अभियान के अंतर्गत सरपंचों ने लोगों को पॉलीथिन के नुकसानों के बारे में समझाया। इसके बाद उन्होंने घर-घर से इन्हें खरीदना शुरू किया। एकत्रित हुई पॉलीथिन को भी अब चटाई बनाने व रस्सी बनाने में उपयोग में लाया जा रहा है। जनाचोली गांव सरपंच गीता रानी ने मंगलवार को बात चीत में बताया की हमने अपना पूरा गांव पॉलीथिन मुक्त कर लिया है। वैसे भी पॉलीथिन के कारण सफाई व्यवस्था में बाधा आती थी तथा गंदगी फैलती थी। पॉलीथिन न होने से गांव के लोग खुश हैं।
ग्राम बाता सरपंच सुंदरलाल का कहना है की हमने गांव में लोगों के पास रखी हुई पन्नियां खरीद ली हैं। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे पालीथिन की वजाय कपड़ों के थैलों का प्रयोग किया करें। घरोट सरपंच सीमा देवी ने बताया की हमने गांव से सभी पालिथिन 50 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीद ली हैं। अब पंचायत ने इन पालीथिनों से रस्सियां बनवा दी हैं। यह ग्रामीणों के लिए कपड़े सुखाने के काम आएंगी। पलवल की अतिरिक्त उपायुक्त अंजू देवी ने मंगलवार को बताया की अधिकारियों की तस्दीक पर जिले में 70 गांव पॉलीथिन मुक्त हो गए हैं। हमें उम्मीद है कि पॉलीथिन के विरुद्ध युद्ध में गांवों की विजय होगी।