भारत खबर विशेष

चर्चाओं से दूर पाकिस्तान में योग की अलख जगा रहा है एक मुसलमान (वीडियो)

Pakistan चर्चाओं से दूर पाकिस्तान में योग की अलख जगा रहा है एक मुसलमान (वीडियो)

नई दिल्ली। योग की दुनिया में पाकिस्तान ने एक ऐसा योगी पैदा किया है, जो तमाम चर्चाओं से दूर योग का अलख जगा रहा है। इस योगी का नाम शमशाद हैदर है और अब लोग इसे योगी हैदर के नाम से बुलाते हैं। एक ऐसे देश में जहां इस्लामिक कट्टरपंथी योग और इससे जुड़ी गतिविधियों का जमकर विरोध करते हैं, 47 साल के हैदर बिना किसी चर्चा के हजारों लोगों को योग की ओर आकर्षित करने में सफल रहे हैं। हैदर ने वह मुकाम हासिल किया है, जिसे पाकिस्तान में एक लिहाज से नामुमकिन माना जा सकता है।

दुनिया जब 21 जून को दूसरा विश्व योग दिवस मना रही थी, हैदर ने लगभग 20 हजार योग छात्रों के साथ पाकिस्तान के कई हिस्सों में योग का अभ्यास किया। यह अलग बात है कि उनकी यह उपलब्धि मीडिया में चर्चा का विषय नहीं बन सकी। ऐसे में जबकि दुनिया भर में योग शिविरों को जमकर मीडिया की चर्चा मिली, हैदर की सफलता पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। हैदर ने आईएएनएस को फोन पर दिए गए साक्षात्कार में कहा, “हम पाकिस्तान में अच्छे तरीके से योग का अभ्यास कर रहे हैं लेकिन हम यह सब चुपचाप कर रहे हैं।”

Pakistan 01 चर्चाओं से दूर पाकिस्तान में योग की अलख जगा रहा है एक मुसलमान (वीडियो)

हैदर मानते हैं कि मुसलमान को सुबह की नमाज (फजर नमाज) के बाद पांच मिनट तक ध्यान लगाना चाहिए, दो योग का एक अहम हिस्सा है। हैदर ने कहा, “योग से मानसिक दृढ़ता आती है, मन में शांति आती है और जीवन में संतुलन आता है। साथ ही साथ योग अनुशासन सिखाता है, जो इस्लाम और बाकी के धर्मो के लिए बहुत जरूरी है।”

तो फिर हैदर उन आलोचकों के बारे में क्या सोचते हैं, जो योग को धर्म से जोड़कर देखते हैं? हैदर ने कहा, “अगर अच्छी चीज भी बुरे हाथों में आ जाए तो वह चीज भी खराब हो जाती है।”

Pakistan चर्चाओं से दूर पाकिस्तान में योग की अलख जगा रहा है एक मुसलमान (वीडियो)

पाकिस्तान में कट्टरपंथी मुसलमान मानते हैं कि योग हिंदु अनुष्ठान का हिस्सा है। इस पर हैदर कहते हैं, “योग का सम्बंध मानवता से है और यह एक शुद्ध विज्ञान है। इस पर भारत का एकाधिकार नहीं है। तमाम बातों और दलीलों को भुलाकर हमें इसकी अच्छाइयों को अपनाना चाहिए और इसके लाभ से खुद को लाभान्वित करना चाहिए।”

पाकिस्तान में 50 से अधिक योग क्लब हैं और हैदर इस्लामाबाद, लाहौर और रावलपिंडी में स्थित एक ऐसे ही क्लब की देखरेख करते हैं। हैदर करते हैं कि अब तो कुछ मालवी भी योग और ध्यान के अभ्यास के लिए उनके योग केंद्र में आने लगे हैं। बकौल हैदर, “मेरे छात्रों में इस्लामाबाद के कुछ शीर्ष मौलवी शामिल हैं। वे जो कर रहे हैं, उससे खुश हैं और लोगों को भी योग से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।”

हैदर चाहते हैं कि पाकिस्तान के हर एक स्कूल और हर समुदाय में योग सिखाया जाए। हैदर ने कहा, “मैं बहुत चीजों को लेकर काफी सकारात्मक रुख रखता हूं। योग का विस्तार इन्हीं में से एक है।”

हैदर ने अपनी एक छात्रा के साथ ही विवाह किया है। उनकी इस छात्रा (जो अब उनकी पत्नी हैं) को कई तरह की बीमारियां थीं और डॉक्टरों ने उनका इलाज करने से इंकार कर दिया था लेकिन हैदर की संगति में आने के बाद उनके स्वास्थ्य में जबरदस्त सुधार हो रहा है।

हैदर ने कहा, “अल्लाह के करम से अब वह मेरी पत्नी शुमैला काफी तेजी से सुधार कर रही हैं।”

शुमैला अब योग क्लब में हैदर की मदद करती हैं और हैदर के क्लब में शामिल 60 छात्रों में शामिल महिला छात्रों का ध्यान रखती हैं।

हैदर ने कहा कि वह म्यांमार में जन्मे विपासन मेडिटेशन के दिग्गज मरहूम एसएन गोयनका से प्रेरित हैं। हैदर ने कहा, “जब मैं भारत गया था, जब उन्होंने मुझे ध्यान की कला सिखाई थी। इसने मेरी जिंदगी बदल दी। इसके बाद मैंने पाकिस्तान में योग सिखाना शुरू किया। वह मेरे हीरो रहे हैं।”

हैदर पाकिस्तान में पैसे लेकर और मुफ्त में भी योग सिखाते हैं। पाकिस्तान सरकार ने उन्हें अपनी जमीन पर योग शिविर चलाने और योग का प्रचार और प्रसार करने की अनुमति दे रखी है।

(आईएएनएस)

Related posts

सपा के लिए बीजेपी के वोट बैंक में ये दल लगाने जा रहा बड़ी सेंध! पूर्वांचल में तैयार की रणनीति

Aditya Mishra

सैनिकों की फोटो राजनैतिक दृष्टि से इस्तेमाल किया तो खैर नहीं: चुनाव आयोग

bharatkhabar

मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के जरिये किया जा रहा वोट देने की अपील

Trinath Mishra