इस्लामाबाद। पाकिस्तान में स्थित हिंदूओं के सबसे पुराने कटासराज मंदिर के बिगड़ते हालातों को लेकर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने वहां की सरकार को फटकार लगाई है। दरअसल कटासराज मंदिर हिंदुओं का सबसे पुराना मंदिर है और इस मंदिर में स्थित कुंड का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है, जिसको लेकर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि इस कुंड के पानी के लेवल को जल्द से जल्द ठीक करो। पाकिस्तान के चीफ जस्टीस मियां साकिब निसार ने कहा कि हिंदुओं के हक को संरक्षित करने के लिए कोर्ट किसी भी हद तक जा सकता है इसलिए हम इस मामलें की जांच के लिए एक हाई लेवल कमिटी के गठन का आदेश देते हैं।
कटासराज मंदिर के बारे में बात करें तो ये पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर कटास की एक पहाड़ी पर स्थित है, जिसके चलते इस मंदिर का नाम कटासराज मंदिर पड़ा है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि इसके कुंड का निर्माण भगवान शिव के आंसुओं से हुआ है। बताया जाता है कि जब भगवान शिव कि पत्नी देवी सती ने अपने पिता द्वारा आयोजित हवन की अगनी में कूदकर अपनी जान दे दी थी, तब भगवान शिव बहुत रोए थे। उस पहर भगवान शिव इतना रोए थे कि उनके आसुंओं से तलाब के दो कुंड भर गए थे, जिनमें से एक कुंड पाकिस्तान में है तो दूसरा राजस्थान के पुष्कर में। कटासराज में स्थित कुंड को भगवान शिव के आंसुओं से ही बना हुआ बताया जाता है।
इसी के साथ कटासराज मंदिर के साथ पांडवों की भी कई कथाएं जुड़ी हुई हैं। पांडवों की कथाओं के मुताबिक कुंन्ती पुत्र पांडव कटास की पहाड़ियों में ही रहे थे और कटासराज मंदिर में स्थित कुंड में ही अपनी प्यास बुझाई थी। कटासराज का मंदिर वहीं जगह है जहां पर चार पांडव पानी पीने के बाद मुर्छित हो गए थे और पांचवे पांडव युधिष्ठिर के पानी पीने जाने पर यक्ष ने उनसे कुछ सवाल किए और सवाल के सही जवाब देने के बाद उनके भाई जोकि मुर्छित हो गए थे वो ठीक हो गए। लेकिन आज कटासराज मंदिर अपनी दुर्दशा खुद देख रहा है। हिंदुओं के सबसे प्राचीन माने जाने वाले मंदिरों में से एक कटासराज का जीर्णोद्धार किया जाना था, बावजूद इसके इस मंदिर के कुंड का पानी दिनोंदिन घट रहा है। बताते चलें कि पाकिस्तान की कुल आबादी में 43 लाख हिंदू है, जिनकी दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है।