नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली के लिए साल 2017 बेहद माथा-पच्ची वाला रहा। दिंसबर में रिलीज होने वाली इस फिल्म को टाल दिया गया। संजय लीला भंसाली को लगा होगा कि शाटद 2018 की शुरुआत में वो अपनी इस फिल्म को दर्शकों के बीच लाने में कामायाब होंगे, लेकिन ऐसा होते दिख नहीं रहा है। सीबीएफसी की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद भी पद्मावती का रास्ता साफ नहीं हो रहा।
मेवाड़ राजवंश के 76वें महाराणा और पूर्व लोकसभा सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ ने सीबीएफसी पर बड़ा आरोप लगाया है। सीबीएफसी के पद्मावती को प्रमाण-पत्र देकर लोगों के साथ धोखा देने का आरोप लगाया है। महेंद्र सिंह ने ‘पद्मावती’ को यू/ए प्रमाण-पत्र देने के ‘संदिग्ध आचरण और नतीजे’ पर चिंता व्यक्त करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा है।
महेंद्र सिंह ने पत्र में लिखा कि प्रसून जोशी के माध्यम से सीबीएफसी एक ऐसी फिल्म का समर्थन करता है जो वीर पात्रों की छवि को धूमिल करती है और साथ ही समाजिक अशांति का कारण भी बनती है। इस फैसले से लोगों को धोखा दिया गया है। जल्दबाजी में इस तरह प्रमाण-पत्र देना सीबीएफसी को बदनाम कर सकता है।
बता दें कि सीबीएफसी ने फिल्म निर्माताओं को पद्मावती का नाम बदलकर पद्मावत करने को कहा था और साथ ही फिल्म में पांच कट्स लगाने को भी कहा था। इस फिल्म पर रानी पद्मावती के गलत चित्रण का आरोप लगाया गया था जिसके बाद देश भर में फिल्म का जबरदस्त विरोध हुआ।