गैरसैंण। गैरसैंण को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की रार विधान सभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन भी जारी रही। सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के बॉयकाट के बाद प्रश्नकाल नहीं हो सकता। सत्र में अब तक 20 विधेयक पेश हुए जो कि ध्वनि मत से पारित भी किए गये। चूंकि सत्र की शुरूआत से ही विपक्ष लगातार गैरसैण के मामले पर हरीश रावत सरकार पर रातनीति करने का आरोप लगा रही है। तो वही विपक्ष पर पलटवार करते हुए हरीश रावत ने कहा कि भाजपा इस मामले पर राजनीत कर केवल सत्र नहीं चलने देना चाहती है।
सदन के विशेष सत्र की शुरूआत होते ही भाजपा ने मांग उठाते हुए कहा कि सरकार पूर्वर्ती भाजपा सरकार में जिलों के लिए घोषित शासनादेश को लागू करते हुए गैरसैंण पर अपनी स्थिति साफ करे। नेताप्रति पक्ष अजय भट्ट ने कहा कि सरकार 7 बार गैरसैंण में सदन को ला चुकी है, लेकिन उसे राजधानी बनने या ना बनने को लेकर अपनी स्थिति साफ नहीं कर रही है। वह लगातार विपक्ष के इस सवाल को टालने के कोशिश करती है। विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर के आग्रह पर विपक्ष ने प्रश्नकाल तो चलने दिया लेकिन प्रश्नकाल के बाद जब फिर 310 के तहत विपभ ने गैरसैंण के मुद्दे पर सरकार से बहस करने की बात कही तो फिर हंगामा हो गया। जिसके चलते कल कार्रवाई स्थगित कर दी गई ।
आज फिर विपक्ष की गैर मौजूदगी की चलते सदन में प्रश्नकाल ना हो पाने के चलते सदन को एक बार फिर स्थगित करना पड़ा। अब एक बार फिर सूबे में गैरसैंण को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने है। जहां मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि इस मामले में चुनाव देखते हुए भाजपा गैरसैंण के मुद्दे को अपने राजनीतिक लाभ के लिए गरम कर रही है, वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और सदन में नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट का साफ कहना है कि सरकार ने गैरसैंण के मुद्दे पर लगातार सूबे की जनता से छलावा किया है। वो इस मामले पर आज तक अपना रूख साफ नही कर रही। आखिर अपने कार्यकाल के अंतिम क्षणों में गैरसैंण में विधान सभा सत्र को आहुत कर वह जनता को लॉलीपाप देना चाह रही है।