नई दिल्ली। दिल्ली में एक बार फिर नर्सरी एडमिशन शुरू होने वाले है। हर साल की तरह इस साल भी परिजनों को अपने बच्चों के एडमिशन के लिए दोर-चार होना पडेगा, जिसके लिए अगले हफ्ते नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। इस बार स्कुलों ने एडमिशन को लेकर अपर एज क्राइटेरिया को देखते हुए नए स्लैब बनाए है,जोकि अभिभावकों को मुश्किल में डाल सकते है। हालांकि मैनेजमेंट कोटा, डिस्टेंस, फैक्टर समेत बाकी एडमिशन क्राइटेरिया जैसे फैक्टर पिछले साल की तरह ही होगा। एक जनवरी से शरू हो रहे नर्सरी के लिए एडमिशन प्रोसेस को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि जल्द ही इसके लिए नोटफिकेशन जारी कर दिया जाएगा, जिसमें लगभग 1700 स्कूलों की सवा लाख सीटे लेवल क्लासेज के लिए एडमिशन प्रोसेस शुरू करने की उम्मीद है।
अधिकारी ने बताया कि इस बार नर्सरी एडमिशन के लिए अपर ऐज लिमिट लागू की जा रही है। वहीं एजुकेशन डिपार्टमेंट के अधिकारी ने बताया कि तीन से चार साल के बच्चे नर्सरी, चार से पांच साल के बच्चे केजी और पांच से छह साल के बच्चों को पहली क्लास में एडमिशन मिलेगा, लेकिन चार साल से ऊपर के बच्चे को नर्सरी में एडमिशन नहीं मिल सकेगा। ये ऐज लिमिट कई पैरंट्स के लिए मुश्किल बनकर आएगी। कई पैरंट्स ऐसे हैं जिन्होंने अपने बच्चों का ऐडमिशन पिछले साल इसलिए नहीं करवाया क्योंकि नर्सरी के लिए 3 साल का बच्चा उन्हें छोटा लग रहा था। मगर इस साल उनका बच्चा 4 साल से अगर एक महीने भी ऊपर है, तो उन्हें नर्सरी में ऐडमिशन नहीं मिल सकेगा।
इस ऐज लिमीट को लेकर ऑल इंडिया पैरंट्स असोसिशन के प्रेसिडेंट अशोक अग्रवाल का कहना है कि अपर ऐज लिमिट इस तरह से तय करना बिल्कुल गलत है। जनरल कैटिगरी के बच्चों के साथ ये भेदभाव है। पैरंट्स बच्चों को 3 की बजाय 4 साल की ऐज में स्कूल भेजना सही मानते हैं, मगर इस अपर ऐज लिमिट में 4 साल से कुछ दिन भी बच्चा बड़ा है तो ऐडमिशन नहीं होगा। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि इससे एक ही क्लास में बच्चों के बीच भी असमानता आएगी। EWS/DG कैटिगरी के बच्चे बड़े होंगे तो बाकी छोटे। इस वजह से सब के लिए एक ही ऐज क्राइटेरिया होना चाहिए। हालांकि, शिक्षा निदेशालय की गाइडलाइंस आने के बाद ही सारी चीजें आगे के लिए तय होंगी।