नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 30 महिला और पुरुषों को सम्मानित करेगा। जिन्होंने महिलाओं के उत्थान के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में योगदान दिया। महिला आयोग के अनुसार इनमें संजुक्ता पराशर, स्वारा भास्कर, हेड कॉन्सटेबल भारती, कांस्टेबल नवीन, कांस्टेबल प्रवीन, एएसआई महेंद्र सिंह व हेड कांस्टेबल जगदीश जैसे चेहरे शामिल हैं।
संजुक्ता पराशर:-
सिविल सर्विस में 85वीं रैंक होते हुए भी संजुक्ता ने पुलिस सर्विस को चुना और असम में अपने 15 महीनों के कार्यक्राल में न केवल 16 अलगाववादियों का खात्मा किया बल्कि 64 को गिरफ्तार भी किया। इसके अलावा टनों असलहा और बारुद भी जब्त किया। असम में अलगाववादी इनके नाम से थर-थर कांपते थे। हालांकि इन्हें कई धमकियां भी मिली लेकिन अपने अटल इरादों वाली संजुक्ता पीछे नहीं हटीं और अपनी ड्यूटी परफार्म की। इस समय संजुक्ता नेशनल इंवेस्टिेगिव एजेंसी में दिल्ली में तैनात हैं।
स्वारा भास्कर:-
हिंदी फिल्मों में एक जाना पहचाना नाम है स्वरा भास्कर। तनु वैड्स मनु, रांझना, निल बटे सन्नाटा, प्रेम रतन धन पायो जैसी फिल्मों में अदाकारी करने वाली स्वरा को न केवल उनके काम बल्कि उनके स्वंतत्र विचारों के लिए भी जाना जाता है। समाज से जुड़े मुद्दों पर स्वरा सार्वजनिक मंचों पर अपने खुलकर विचार रखती हैं। स्वरा की आने वाली फिल्म अनारकली ऑफ आरा है।
हेड कॉन्सटेबल भारती:-
लड़कियों को अपनी आत्मरक्षा करने के लिए दिल्ली पुलिस 2002 से घरेलू महिलाओं से लेकर फीमेल स्टूडेंट्स तक को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही है। ताकि जरुरत पड़ने पर वे अपनी रक्षा खुद कर सकें। दिल्ली पुलिस की स्पेशल यूनिट फोर वूमेन एंड चाइल्ड की सेल्फ डिफेंस विंग में तैनात हेड कॉन्सटेबल भारती ने एक साल में 68 दिनदिवसीय वर्कशॉप आयोजित कर करीब 10 हजार लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की टेक्निक बताई है। इन्होंने बहुत ईमानदारी और जिम्मेदारी से अपनी ड्यूटी का निवर्हन किया है।
कॉस्टेबल नवीन कॉस्टेबल प्रवीन:-
19 जनवरी 2017 की दोपहर को दिल्ली के शांति निकेतन एरिया में हरियाणा रोडवेज में सफर कर रही एक महिला सुनीता को लेबर पेन शुरू हो गया और महिला ने बस में ही एक बच्ची को जन्म दिया। इसकी सुचना पुलिस को 100 नंबर पर दी गई। पास में गश्त कर रही पीसीआर जिसमें कॉस्टेबल नवीन कॉस्टेबल प्रवीन तैनात थे तुरंत मौके पर पहुंचे और महिला उसके बच्चे को लेकर अस्पताल की तरफ पीसीआर लेकर दौड़ लिए। रास्ते में जाम लगा था। दोनों ने मुश्तैदी दिखाते हुए जाम खुलवाया और महिला व उसके नवजात बच्चे को आरकेपुरम स्थित अस्पताल में भर्ती करवाया। दोनों पुलिस के जवानों की मुश्तैदी से महिला व उसकी बच्ची की जान बच गई।
एएसआई महेंद्र सिंह व हेड कांस्टेबल जगदीश:-
27 मई 2016 की रात के करीब साढ़े सात बजे बुराड़ी चौक पर एक 20 साल का लड़का और उसके साथ उसकी 19 साल की दोस्त खड़े हो कर रास्ता पूछ रहे थे तभी वहां एक सेंट्रो कार आकर रूकी। उसमें बैठे तीन लड़कों ने उन्हें लिफ्ट ऑफर की। कुछ दूर जाकर कार में बैठे लड़कों ने लड़की के दोस्त से मोबाइल छीन लिया और गाड़ी से धक्का दे दिया और लड़की को गाड़ी में बिठा कर भागने लगे। लड़के ने पीसीआर वैन को देखा जिसमें एएसआई महेंद्र सिंह व हेड कांस्टेबल जगदीश अपनी डयूटी पर तैनात थे।