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अब लेजर-असिस्टेड ट्रीटमेंट से मोतियाबिंद का उपचार संभव

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नई दिल्ली। मोतियाबिंद की सर्जरी में फेम्टो लेजर-असिस्टेड कैटरैक्ट सर्जरी नई तकनीक है। जो डाक्टरों की तरफ से किसी भी तरह की गलती की संभावना को बेहद कम कर देता है। आई 7 ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के संस्थापक और निदेशक डॉ.संजय चौधरी ने कहा, ‘इस तकनीक से विश्व स्तर पर अब तक 12.5 लाख से अधिक सर्जरी की जा चुकी है। ‘सर्जरी की फेम्टो-लेजर प्रणाली सर्जन के प्रदर्शन को सुधारते हुए सुरक्षा बढ़ाता है और मानवीय गलतियों के मौके को कम करता है. लेजर द्वारा किए जाने वाले कंप्यूटर-कंट्रोल्ड इंसिजंस, मैन्युअल इंसिजंस की तुलना में अधिक सटीक और उपयुक्त होते हैं, खास कर डेप्थ और आर्किटेक्चर के संदर्भ में. यह ब्लेडलेस इंसिजंस जख्म भरने और संक्रमण के कुछेक अवसरों को रोकने में बेहतर परिणाम देते हैं।

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डॉ.चौधरी ने कहा, “सालों से, भारत में कई र्सजस ने वर्तमान की कैटरेक्ट सर्जरी के ज्यादातर जटिल चरणों को दूर करने के लिए लेजर-एसिस्टेड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया है, जो सर्जन की कुशलता बढ़ाते हैं और कैटरेक्ट सर्जरी को अधिक सुरक्षित और दूरदर्शिता वाला बनाते हैं। उन्होंने कहा कि भारत यकीनन लेजर-एसिस्टेड ट्रीटमेंट का लाभ प्राप्त करेगा, क्योंकि 60 साल से अधिक उम्र के तकरीबन 74 प्रतिशत भारतीय मोतियाबिंद से पीड़ित हैं।

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा मान्यता प्राप्त लेंसेक्स लेसर सिस्टम, फेम्टो-लेसर सेगमेंट में मार्केट लीडर है, जिसने विश्व भर में किसी अन्य लेजर सिस्टम की तुलना में अधिक कैटरेक्ट सर्जरी परफॉर्म किया है। आई 7 दिल्ली में सुपर स्पेशियलिटी आई अस्पतालों की एक श्रृंखला और बेहतर आई स्पेशलिस्ट है। आई 7 अस्पताल लगभग 30 सालों से क्वालिटी आई केयर में अग्रणी है।

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