नई दिल्ली। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने मौत की सजा सुनाई जाने के बाद से दोनों देशों की तरफ से अलग-अलग बातें कही जा रही है। इस पर पाकिस्तानी सेना ने साफ कर दिया है कि वह कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा पर कोई ‘समझौता’ नहीं करेगा। पाकिस्तानी सेना का जनसंपर्क इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने गुरुवार को कहा कि रावलपिंडी में कोर कमांडरों की एक बैठक में फैसला लिया गया कि जाधव की मौत की सजा पर कोई समझौता नहीं होगा।
सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने बैठक की
आईएसपीआर ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा ने बैठक की अध्यक्षता की और जाधव मामले में आगे के पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। बता दें कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को 10 अप्रैल को मौत की सजा सुनाई थी। उनका कहना कि जाधव भारतीय खुफिया एजेंसी का एक जासूस है, जिसे बीते साल मार्च में बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया गया था। जाधव को जासूसी करने तथा पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोपी बनाया गया है। वहीं, भारत का इस पूरे मामले पर कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया, जहां वह व्यापार करता था, साथ ही यह चेतावनी दी है कि अगर जाधव को फांसी दी गई, तो वह उसे पूर्व नियोजित हत्या मानेगा।
राज्यसभा में उठा था मुद्दा
गौर करने वाली बात है कि जाधव को सुनाई गई फांसी की सजा के बाद राज्यसभा में भी इस मामले पर काफी हंगामा हुआ था। राज्यसभा में बयान देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारत हर हाल में जाधव को बचाएगा। चाहे उसके लिए कुछ भी करना पड़े। सुषमा स्वराज ने बयान देते हुए कहा कि, कुलभूषण ने कुछ भी गलत नहीं किया है। उनके पास किसी भी तरह के जासूसी के सबूत नहीं मिले है। इससे पाकिस्तान क्या छिपाना चाहता है? लेकिन इतना जरुर है कि इस फैसले का भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर सीधा असर पड़ेगा।