पटना। बिहार के महागठबंधन के घटक दल महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर एक साथ आते नजर नहीं आ रहे है। ताजा मामला जीएसटी का है, जदयू सुप्रीमो व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा की जीएसटी अच्छी कर प्रणाली है, जबकि महागठबंधन में जदयू के सहयोगी राजद व कांग्रेस के सभी नेत जीएसटी के विरोध कर रहे है। नीतीश का जीएसटी को स्पोर्ट करना महागठबंधन के लिए दूसरा झटका है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को समस्तीपुर में एक कार्यक्रम के कहा की वे यूपीए शासन के समय से ही जीएसटी का समर्थन कर रहे हैं। इसमे कोई नई बात तो नहीं है। नीतीश कुमार ने इसे बेहतर कर प्रणाली बताया और कहा सभी पार्टियों को (जीएसटी) समर्थन करने की अपील की। दूसरी ओर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा की उनकी पार्टी जीएसटी लांचिंग से बहुत दूर है। आपको बता दें की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के लिए 30 जून की रात्रि में संसद में विशेष बैठक है। कांग्रेस और राजद के अलावा अन्य विपक्षी दल इसका बहिष्कार करते नजर आ रहे है। विपक्ष का कहना है की जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने में सभी पक्षों को ध्यान में नहीं रखा गया है।
जीएसटी एक जुलाई से लागू किया जा रहा है। इसे लागू किए जाने के बाद कई सेवाओं और वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स समाप्त हो जाएंगे। इससे ‘वन नेशन, वन टैक्स’हो जाएगा। इसके तहत 5 से 28 फीसद तक के कई टैक्स स्लैब बनाए गए है। जीएसटी लागू करने की घोषणा के लिए 30 जून की रात्रि में संसद की विशेष बैठक बुलाई गई है। इसमें बिहार की महागठबंधन सरकार में वाणिज्य कर मंत्री व जदयू नेता विजेंद्र यादव अधिकारियों के साथ शामिल होंगे, दूसरी ओर महागठबंधन के सबसे बड़े घटक राजद ने इस बैठक से किनारा किया है। आपको बता दें की जीएसटी लागू करने की घोषणा के लिए 30 जून की रात में बुलाई गई संसद की विशेष बैठक में नीतीश सरकार के वाणिज्य कर मंत्री विजेंद्र यादव अपने अधिकारियों के साथ शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचेंगे हैं।