पटना। बिहार की राजनीति में चल रही उठा पटक के बीच आखिर महागठबंधन टूट ही गया। इसी उठा पटक के बीच नीतीश कुमार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा उनको सौंप दिया है। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और राज्यपाल ने भी उनके इस्तीफे को मंजूर कर लिया है।
बता दें कि इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस तरह के माहौल में काम करना मेरे लिए बहुत कठिन हो गया था। मैं इस तरह के माहौल में काम नहीं कर पा रहा था। नीतीश ने कहा कि मैंने कभी किसी से इस्तीफा नहीं मांगा है। इस वक्त राजनीति में जिस तरह का माहौल बना हुआ है। उसमें काम करना असंभव है। साथ ही नीतीश का कहना है कि मैंने इस बारे में राहुल गांधी से भी बात की थी। नीतीश ने कहा कि मैंने ये फैसला अपनी अंतर आत्मा की आवाज सुनने के बाद लिया है। नीतीश ने कहा कि मेरा फैसला अटल है और में अपना रूख नहीं बदलूंगा।
वहीं नीतीश ने ये भी कहा कि मेरे उपर न जाने कैसे-कैसे आरोप लगे लेकिन फिर भी मैं पूरी इमांदारी के साथ काम करता रहा। लेकिन इस वक्त जिस तरह से मुझसे काम कराया जा रहा है ये तरीका मेरे काम करने का नहीं है। ये मुसीबत हमारी खुद की लाई हुई है। मैने इस पर सबसे रास्ता ढूंढने को कहा था। तेजस्वी को अपने आरोपों पर सफाई देनी चाहिए थी। मुझे ये भी पता था कि इस्तीफे के बाद मेरा आम लोगों को सफाई देना भी जरूरी था। मैंने मुश्किल समय में भी सरकार को बखूबी चलाया लेकिन अब मुझे लगा कि मेरे लिए ये सरकार चलाना आसान नहीं है इसलिए मैंने खुद को सरकार से अलग कर लिया।