पटना/किशनगंज। बिहार के किशनगंज में दो दिवसीय कार्यसमिति के दूसरे दिन भारतीय जनता पार्टी ने बिहार की नीतीश सरकार को किसान विरोधी बताया और कहा कि इस सरकार में किसानों की स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही है। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद नित्यानंद राय, भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी की उपस्थिति में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार ने कृषि प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में जब भाजपा शामिल थी तब किसानों के लिए वर्ष 2012-17 की अवधि के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये से कृषि रोड मैप की शुरुआत की गई। लेकिन भाजपा के सरकार से अलग होने के बाद नीतीश सरकार ने कृषि कैबिनेट को ही भंग कर दिया।
बिहार सरकार में कृषि उनकी प्राथमिकता में नहीं है। इसलिए सात निश्चय योजना में भी कृषि को शामिल नहीं किया गया। किसानों के सिंचाई का प्रबंध नहीं किया गया। पहले से लगे हुए सत्तर फीसदी से अधिक राजकीय नलकूप खराब पड़े हुए हैं। आहर, पेन की खुदाई नहीं हुई।
ऐसी परिस्थिति में भाजपा की यह कार्यसमिति किसानों के हितों के लिए किसानों के हितों के लिए आनेवाले दिनों में सड़क से सदन तक जनसहयोग के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन शुरू करेगी। वर्ष 2010 से 15 की सरकार ने जो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम लागू किया, उसका नाम बदला और पुराने वायदे को नया नाम देकर जनता को भ्रमित किया जा रहा है। कई ऐसी योजना हैं जो जमीन पर नहीं उतर पाई।