नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 2016 के लिए पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है । इस कड़ी में बिहार के स्वामी निरंजनानंद सरस्वती को योगा के लिए पदम भूषण और मधुबनी पेंटिंग्स के लिए बऊआ देवी को पदमश्री से सम्मानित किया गया है। इसके अतिरिक्त पदमविभूषण कैटेगरी में 7, पदमभूषण में 7 जबकि पदश्री पुरस्कार से 75 हस्तियों को सम्मानित किया गया है।
सत्तर (70 वर्षीय) बऊआ देवी जानी मानी पेंटर हैं । उन्हें यह पुरस्कार मिथिलांचल की पूरे दुनिया में पहचान माने जाने वाली मधुबनी पेंटिंग में अहम योगदान के लिए दिया गया है। बऊआ देवी मधुबनी जिले के जितवारपुर की रहने वाली हैं। मधुबनी पेंटिंग ग्रामीण कला का एक रूप है, जिसे पूर्वी बिहार के मिथिला क्षेत्र की महिलाओं ने विकसित किया है।
वहीं निरंजनानंद सरस्वती योग गुरु हैं। निरंजनानंद का 1964 में बिहार स्कूल ऑफ योगा के निर्माण में इनका महत्पूर्ण योगदान रहा है। सरस्वती मूलरूप से छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव के रहने वाले हैं। भारत में योग का प्रसार करने के पहले कई देशों में योग शिविर और कार्यशालाओं में लोगों को योग सिखा चुके हैं। निरंजनानंद ने 1994 में विश्व के पहले योग विश्वविद्यालय बिहार योग भारती की स्थापना की थी।