काठमांडु। नेपाल में हाल ही में हुए संसदीय चुनाव की 89 सीटों पर नतीजे घोषित हो गए हैं, जिनमें से 72 सीटें वामपंथी पार्टियों को मिली है, जबकि कांग्रेस को महज 10 सीटों से ही संतुष्ट करना पड़ा है। नेपाल के चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के मुताबिक नेपाल के संसदीय चुनाव में वामपंथी गठबंधन तेजी से बहुमत की तरफ बढ़ रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री के पी ओली के नेतृत्व वाली नेकपा-एमाले और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाली नेकपा माओवादी ने प्रांतीय और संसदीय चुनावों के लिए गठबंधन बनाया था। लोगों को इन नतीजों से उम्मीद हैं कि पड़ाडों के गोद में बसे नेपाल में राजनीतिक स्थिरता आएगी। चुनाव आयोग की तरफ से जारी परिणाम के मुताबिक नेकपा-एमाले ने 51 सीटें जीती हैं, जबकि उसे सहयोगी नेकपा माओवादी ने 21 सीटों पर जीत दर्ज की है।
वहीं पिछले चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने वाली सतारूढ़ नेपाली कांग्रेस को सिर्फ 10 सीटों से ही संतुष्ट होना पड़ा है। वहीं दो मधेसी पार्टियों को एक-एक सीट मिली है। इसी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई के नेतृत्व वाली नया शक्ति पार्टी ने भी एक सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं एक सीट निर्दलिया उम्मीदवार को मिली है। बची हुई 76 सीटों के लिए मतों की गणना जारी है। पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और बाबूराम भट्टराई चुनाव जीत गए हैं। सीपीएन-यूएमएल के नेता माधव काठमांडू-2 से और नया शक्ति पार्टी के अध्यक्ष बाबूराम भट्टराई गोरखा-2 से विजयी हुए हैं।
गौरतलब है कि नेपाल के दो चरणों वाले संसदीय एवं विधानसभा चुनावों की वोटिंग 26 नवंबर और 7 दिसंबर को हुई थी। इस चुनाव के तहत संसद के 128 और विधानसभाओं के कुल 256 सदस्य चुने जाने हैं। प्रतिनिधि सभा में 275 सदस्य होते हैं जिनमें से 165 फर्स्ट पास्ट दा पोस्ट प्रणाली के जरिए चुने जाएंगे जबकि शेष 110 आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के जरिए आएंगे। फर्स्ट पास्ट दा पोस्ट प्रणाली के तहत किसी सीट पर सबसे ज्यादा वोट पाने वाले उम्मीदवार को विजयी घोषित किया जाता है।राजशाही खत्म होने के बाद देश में 2015 में संविधान लागू किया गया।