बीजिंग। पाकिस्तान की तरह चीन-नेपाल भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। जिस तरह पाक सीमा पर अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देता रहता है। भारत के खिलाफ चीन और नेपाल ने अपनी नई चाल चलनी शुरू कर दी है। चीन ने पिछले दिनों ही तिब्बत तक जाने के लिए नेपाल सीमा पर एक नए रणनीतिक राजमार्ग का निर्माण किया है। जिसको लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि इसका इस्तेमाल नागरिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। चीन-नेपाल की इस हरकत से भारत के लिए मुश्किलें खड़ी होने की भी उम्मीद जताई जा रही है। क्योंकि इस राजमार्ग से चीन दक्षिण एशिया में आसानी से पिरवेश कर सकता है। इसके अलावा भी चान नेपाल के अगल से खिचड़ी पकाने की भी खबरें आ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने नेपाल के साथ 13 और सीमा राजमार्गों को खोलने ा प्रस्ताव दिया है।
बता दें कि चीन नेपाल को ये प्रस्ताव इस लिए दे रहा है क्योंकि वो नेपाल के साथ अपने रिश्तों को बेहतर बनना चाहता है। मीडिया का कहना है कि चीन समर्थक नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने कार्यकाल के दौरान पिछले साल चीन के साथ आयात-निर्यात व्यापार संधि पर समझौता करने के बाद देश की सीमा से जुड़ने के लिए रेलवे लाईन के निर्माण की योजना को तेज करने के साथ चीन और नेपाल ने सड़क संपर्क सुधारने का प्रयास तेज कर दिया है।
वहीं चीनी दल के साथ बैठक के दौरान नेपाल अधिकारी ने दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने के लिए 13 प्रवेश द्वारों को खोलने का रखा। हालांकि ये बात चीत अधूरी ही रह गई क्योंकि चीनी पक्ष नेपाल के प्रस्ताव से सहमत नहीं हुआ। लेकिन अगर नेपाल का से प्रस्ताव चीन मान लेता है तो सीमा पर भारत के लिए काफी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।