नई दिल्ली। सोमवार(17-04-17) से नेपाल और चीन आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त अभ्यास करने वाली है। दोनों देशों की सेनाओं के संयुक्त अभ्यास को दोस्ती की नई शुरूआत के रूप में देखा जा रहा है। एक तरफ दोनों सेनाएं अभ्यास करने वाली है तो दूसरी तरफ इस अभ्यास ने भारत की माथे पर चिंता की लकीरों को गहरा कर दिया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नेपाल और चीन ऐसे समय में सैन्य अभ्यास कर रहे हैं जब दक्षिण एशिया में बीजिंग का बढ़ता दखल भारत के लिए चिंता का सबब बना हुआ है।
सैन्य अभ्य़ास से पहले नेपाल की ओर से आधिकारिक रूप में कहा गया है कि 10 दिवसीय सैन्य अभ्यास सागरमठ फ्रेंडशिप-2017 25 अप्रैल तक चलेगा। नेपाल की ओर से आधिकारिक बयान में इस बात को स्पष्ट किया गया है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच होने वाला ये अभ्यास सिर्फ और सिर्फ आतंकवाद का सामना करने की तैयारी के तहत किया जा रहा है। नेपाल की सेना ने कहा कि चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का एक दस्ता साझा सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए पहले ही काठमांडू पहुंच चुका है। चीन के साथ साझा सैन्य अभ्यास नेपाली सेना की सैन्य कूटनीति के विस्तार के तौर पर देखा जा रहा है।
भारत के साथ नेपाल की सेना का अभ्यास
गौरतलब है कि इससे पहले नेपाल की सेना भारतीय सेना के साथ गत मार्च में अभ्यास कर चुकी है। मार्च में हुए भारत और नेपाल के बीच सैन्य अभ्यास के दौरान आपदा को केंद्र बनाकर अभ्यास किया गया था। बात दें कि भारत नेपाल के 11 वें संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए नेपाली सेना के अधिकारी और जवान पितौरगढ़ आए थे।