पटना। स्वतन्त्रता सेनानियों को सम्मानित करने के लिए बिहार सरकार की ओर से आयोजित चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह से एनडीए ने अपने आप को अलग रखा जबकि महागठबंधन इसकी सफलता के लिए जी जान से जुटा हुआ है। गृहमंत्री राजनाथ इस समारोह में ऐन मौके पर शामिल नहीं हुए तो वहीं एनडीए के घटक दलों में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा का आना भी आखिरी समय में कैंसिल हो गया।
इस अवसर पर नीतीश कुमार ने कहा, बिहार सरकार ने पूरे देश के सभी आदरणीय लोगों को समारोह में आमंत्रित किया था। जो लोग नहीं आ सके वे उनका भी धन्यवाद करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने जो देश की स्थिति बन गई है उसमें गांधी के आदर्शों को अपनाने और उनके विचारों को आत्मसात करने की सबसे ज्यादा जरूरत है।
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा गांधी का बिहार से इस कदर जुड़ाव था कि चंपारण की धरती से ही उन्होंने अपने सत्याग्रह की शुरूआत की। आज गांधी ने देश को आजादी ना दिलाई होती तो इतने बड़े लोकतंत्र की स्थापना नहीं हुई होती। वहीं राजनाथ के शरीक नहीं होने पर नीतीश ने कहा कि इसपर कम-से-कम राजनीति नहीं की जानी चाहिए क्योंकि यह उनलोगों के सम्मान का समारोह है जिन्होंने देश की आजादी में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।