इस्लामाबाद। पनामा पेपर मामले में फंसे पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी पर पाकिस्तान के चुनाव आयोग का फैसला कहर बनकर टूटा है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दमाद सफदल और उनकी पार्टी के 260 सांसदों को संपत्तियों और देनदारी की जानकारी न देने के चलते निलंबित कर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक नवाज की पार्टी के सात सीनेटर, 71 एनएनए, पंजाब एसेंबली के 84 सदस्या,सिंध असेंबली के 50 सदस्य,खैबर पख्तूख्वा के 38 सदस्य और बलूचिस्तान असेंबली के 11 सदस्यों को निलंबित कर दिया है।
दरअसल पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने नवाज की पार्टी के सांसदों और प्रांतीय असेंबली के सदस्यों को अपनी, पती-पत्नी और निर्भर रहने वाले लोगों की संपत्तियों का ब्यौरा 30 सितंबर तक मांगा था, लेकिन 15 दिन ऊपर बीत जाने के बाद भी इन सदस्यों ने अपनी संपत्ती का ब्यौरा नहीं दिया। इसके चलते चुनाव आयोग ने इन सदस्यों को निलंबित कर दिया है। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने जन-प्रतिनिधित्व कानून अधिनियम के धारा 42ए के तहत ये कार्रवाई की है । ये धारा कहती है कि देश के सभी सांसदों और विधायकों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना होगा नहीं तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी।
आपको बता दें कि ये कानून सैन्य तानाशाह परवेश मुशर्रफ के शासनकाल में लाया गया था, ताकि बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार की जांच हो सके। हालांकि अब तक ये अप्रभावी ही साबित हुआ है। निलंबित किए गए कई सांसदों ने इसे ‘टूथलेस’ या ‘अप्रभावी’ कहकर आलोचना की है, क्योंकि निर्वाचन आयोग को संपत्तियों का ब्योरा देकर कोई भी सांसद अपना निलंबन वापस करवा सकता है।