उज्जैन। उज्जेन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी पर्व 28 जुलाई को मनाया जाएगा। वर्ष में एक बार खुलने वाले भगवान नागचन्द्रेश्वर के दर्शन 27 जुलाई की रात्रि 12 बजे से 28 जुलाई की रात्रि 12 बजे तक किए जा सकेंगे। इस बार भगवान नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के लिए एलईडी की व्यवस्था की जा रही है, ताकि गर्भगृह में भीड़ इकट्ठी न होकर श्रद्धालु एलईडी के माध्यम से उनके दर्शन कर सकें।
कलेक्टर संकेत भोंडवे ने पुलिस अधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि दर्शन करने वालो को आसान एवं अच्छे तरीके से कम से कम समय में भगवान नागचन्द्रेश्वर के दर्शन हो ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कतार में खड़े दर्शनार्थियों को भगवान नागचन्द्रेश्वर के दर्शन लाइव हो सके, इसके लिए विशेष स्थलों पर एल.ई.डी. लगाई जाए, ताकि दर्शनार्थी दर्शन कर संतोष प्राप्त कर सकें। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि नागपंचमी पर्व की दर्शन व्यवस्था की योजना 27 जुलाई से 29 जुलाई तक की बनाई जाये।
मंदिर प्रशासक एस.एस. रावत ने नागपंचमी पर्व की मंदिर में की जाने वाली व्यवस्थाओं और प्रवेश व्यवस्था के बारे में विस्तृत जानकारीदेते हुए बताया कि सामान्य दर्शनार्थी की दर्शन व्यवस्था हरसिद्धि चौराहे की ओर से बडा गणेश मंदिर, पुलिस चैकी के सामने से होते हुए माधव सेवा न्यास पार्किंग स्थल के झिकजेक से पुराने प्रशासनिक कार्यालय के सामने के बैरीकेट होते हुए टनल की छत से होकर फेसेलिटी सेन्टर से प्रवेश कर मार्बल गलियारा होते हुए नृसिंह मंदिर से महाकाल परिसर होकर नागचन्देश्वर जी के दर्शन करेंगे।
इसी प्रकार शीघ्र दर्शन 250 के टिकट वाले दर्शनार्थी आदि रुद्रसागर की ओर से शंख चौराहा होते हुए फेसेलिटी सेन्टर से प्रवेश करेंगे। महाकाल भगवान के दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों का प्रवेश भस्मार्ती द्वार से प्रवेश कर विश्रामधाम की रेम्प, सभामंडप से होते हुए दर्शन व्यवस्था रहेगी। इनका निर्गम व्यवस्था आपातकालीन द्वार से होगा। मीडिया का प्रवेश भस्म आरती द्वार से शहनाई गेट होते हुए कंट्रोल रूम की छत पर प्रेस दीर्घा रहेगी। कंट्रोल रूम के समीप बने चढ़ाव से होकर नागचन्द्रेश्वर के दर्शन के लिए प्रवेश की व्यवस्था रहेगी। इसी तरह वीवीआईपी की दर्शन के प्रवेश की व्यवस्था महाकाल धर्मशाला से प्रवचन हॉल होते हुए रहेगी।
कलेक्टर ने दर्शन व्यवस्था के बारे में जानकारी लेकर फेसेलिटी सेन्टर से टनल, मार्बल गलियारा, नृसिंह मंदिर, रेम्प, लोहे के चढ़ाव होते हुए नागचन्द्रेश्वर मंदिर तक की व्यवस्थाएं देखी और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि नागपंचमी पर्व के पूर्व ऊपर मंदिर की साफ-सफाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।