मुंबई। आज ही के दिन 1986 को जब स्मिता पाटिल अचानक से दुनिया को अलविदा कह गईं तो लोग यकीन नहीं कर पाए। आज बॉलीवुड अभिनेत्री स्मिता पाटिल की पुण्यतिथी है। महज 31 साल की उम्र में अचानक से दुनिया से चली गईं थी स्मिता पाटिल। आईसे जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ किस्से।
स्मिता के पिता शिवाजी राय पाटिल राज्य सरकार में मंत्री थे, जबकि उनकी मां एक समाज सेविका थी। स्मिता जब महज 16 साल की थीं तभी वो न्यूज़रीडर की नौकरी करने लगी थीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात जाने-माने निर्माता निर्देशक श्याम बेनेगल से हुई और बेनेगल ने स्मिता की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें चरण दास चोर में एक छोटी सी भूमिका दी। उस के बाद उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ नमक हलाल और शक्ति में काम करने का मौका मिला और फिल्में सुपरहिट रहीं।
एक दशक से भी छोटे फ़िल्मी सफ़र में स्मिता पाटिल ने अस्सी से ज्यादा हिंदी और मराठी फ़िल्मों में अभिनय कर अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनकी चर्चित फ़िल्मों में – ‘निशान्त’, ‘चक्र’, ‘मंथन’, ‘भूमिका’, ‘गमन’, ‘आक्रोश’, ‘अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है’, ‘अर्थ’, ‘बाज़ार’, ‘मंडी’, ‘मिर्च मसाला’, ‘अर्धसत्य’, ‘शक्ति’, ‘नमक हलाल’, ‘अनोखा रिश्ता’ आदि शामिल हैं। उन्हें कई अवार्ड से नवाजा गया जिसमें पद्मश्री भी शामिल था।
स्मिता की निजी जिंदगी बहुत मुश्किलों भरी रही। राज बब्बर के साथ उनकी नजदीकियां बढ़ने लगीं और मीडिया से लेकर घर तक सब जगह सवाल उठने शुरु हो गए क्योंकि राज शादी-शूदा थे। जमाने के ख्यालों से बेफिकर राज और बब्बर एक हो गए, लेकिन इनका वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रह पाया।राज और स्मिता का बेटा हुआ प्रतिक जो इस वक्त फिल्म इंडस्ट्री में ही हैं। उनके जन्म के कुछ घंटे बाद ही स्मिता चल बसीं। मरने के बाद उन्हें दूल्हन की तरह सजाकर अंतिम विदाई दी गई।