बिहार

HAPPY BIRTHDAY BIHAR: विहार से बिहार तक का सफर

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पटना। लिट्टी-चोखा खाना हो तो दिमाग में सबसे पहले ख्याल आता है उस प्रदेश का जहां का सबसे प्रख्यात खाना माना जाता है। यानि की भारत के पूर्वांचल राज्य बिहार। आज बिहार अपना 105 वां जन्मदिन मना रहा है। साल 1912 में आज ही के दिन बिहार बंगाल से अलग होकर एक राज्य बना था। बिहार का नाम कई चीजों में बेहद ही मशहूर माना जाता है कुछ के बारे में जानते होंगे और कुछ के बारे में नहीं भी तो चलिए बिहार दिवस पर आज हम आपको बताते हैं इस राज्य की कुछ खास खूबियां जो आपका मोह लेंगी।

bihar 1 HAPPY BIRTHDAY BIHAR: विहार से बिहार तक का सफर

विहार से बना बिहार

जिसे हम आज बिहार के नाम से जानते हैं वो एक जमाने में विहार कहा जाता था। बिहार का प्रादुर्भाव संभवत: बौद्ध विहारों के विहार शब्द से हुआ है जिसे विहार के स्थान पर इसके विकृत रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। बिहार की राजधानी पटना में मां गंगा का वास है। बिहार को मगध के नाम से भी जाना जाता था। वहीं, बिहार की राजधानी पटना का पहला नाम पाटलिपुत्र है।

राजेंद्र प्रसाद की जन्मभूमि

भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार के ही रहने वाले थे। गणतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति और देशरत्न की उपाधि से नवाजे जाने वाले बाबू राजेन्द्र प्रसाद का जन्म सन 1884 में जीरादेई की धरती पर हुआ था। एक राष्ट्रपति होने के बाबजूद राजेंद्र प्रसाद अपने कार्यकाल के दौरान साल में 150 दिन ट्रेन से यात्रा करते थे। इतना ही नहीं कई बार वो छोटे-छोटे स्टेशनों पर रूक कर लोगों से मुलाकात करके उनसे बातचीत करके उनकी समस्या जानते थे।

bihar HAPPY BIRTHDAY BIHAR: विहार से बिहार तक का सफर

खेती पर निर्भर है आबादी

एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहा की 75 फीसदी से ज्यादा आबादी कृषि पर निर्भर करती है। 20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में खनन व विनिर्माण में में उल्लेखनीय उपलब्धि के बाबजूद बिहार प्रति व्यक्ति आय के मामले में देश में सबसे आखिर में है और राज्य की लगभग आधी आबादी प्रशासनिक तौर पर गरीबी रेखा के नीचे है। हालांकि सरकार द्वारा लगातार प्रदेश को विकसित करने के कोशिश की जा रही है।

अस्तित्व की कहानी

बिहार का आधुनिक इतिहास 1857 के प्रथम सिपाही विद्रोह में बिहार के बाबू कुंवर सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1912 में बंगाल का विभाजन के बाद मूलरूप से बिहार नाम का राज्य अस्तित्व में आया। 1935 में उड़ीसा इससे अलग कर दिया गया। आजादी की लड़ाई के दौरान बिहार के चंपारण के विद्रोह को, अंग्रेजों के खिलाफ बगावत फैलाने में अग्रगण्य घटनाओं में से एक गिना जाता है।

मधुबनी पेटिंग है मशहूर

बिहार की मधुबनी जिले की पेटिंग का नाम सिर्फ देश में है बल्कि इसकी पहचान विदेशों तक में कायम है। सदियों से मिथिला की औरतें पारंपरिक रूप से अपने घरों-दरवाजों पर चित्रों को उकरेती रही हैं। इस तरह के पेटिंग मूलरूप से दरभंगा और मधुबनी के लोगों द्वारा बनाई जाती है।

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